चीन निर्मित 59 एप पर केंद्र सरकार की पाबंदी के पीछे एलएसी के हालात के अलावा लद्दाखी इंजीनियर सोनम वांगचुक के बटुए का आंदोलन भी बड़ी वजह रही है। मैगसेसे अवार्ड विजेता और बॉलीवुड फिल्म थ्री-इडियट के असली रैंचो सोनम वांगचुक ने 28 मई को सिंधु नदी के किनारे अपना पहला वीडियो शूट कर यू-ट्यूब पर अपलोड किया था।
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इसमें उन्होंने देश-दुनिया से चीन निर्मित सामान के बहिष्कार की अपील की थी। उन्होंने अभियान को ‘सेना देगी बुलेट से जनता देगी वॉलेट से जवाब’ नाम देकर वीडियो बनाया था। बटुए के आंदोलन पर वीडियो को दो हफ्तों के भीतर ही 42 लाख लोगाें ने देखा। सोनम ने सॉफ्टवेयर यानी मोबाइल एप के लिए एक सप्ताह और हार्डवेयर यानी भौतिक वस्तुओं को एक साल में इस्तेमाल से बाहर करने की अपील की थी। सोनम के अभियान को बॉलीवुड से भी समर्थन मिला।
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उधर,15 जून को गलवां घाटी में 20 सैनिकों की शहादत के बाद देशभर में चीनी सामान के बहिष्कार की लहर बन गई। इस दौरान सोनम ने लगातार कई वीडियो जारी कर चीन के खिलाफ अपने बटुए के आंदोलन को आगे बढ़ाया। अब चीन के 59 एप पर पाबंदी का सोशल मीडिया पर स्वागत हो रहा है।
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