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विजयवाड़ा। देश में पेट्रोलिम एंड गैस फील्ड से तेल और गैस निकालने का काम अब विदेशी नहीं, बल्कि मेक इन इंडिया (Make in India) मशीनों से होगा। कुछ जगह यह शुरू भी हो चुका है। हैदराबाद की इंजीनियरिंग कंपनी मेघा इंजीनियरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) ने तेल एवं गैस फील्ड में ड्रिलिंग में उपयोग की जाने वाली आधुनिक तकनीक वाली रिग का निर्माण किया है। यह रिग 200 डिग्री के अधिकतम तापमान पर भी काम करते हुए तेल एवं गैस निकालती है। जानें कैसे काम करती है यह मशीन।
मैक्सिको से भी मिले मेक इन इंडिया रिग्स के ऑर्डर
एमईआईएल के टेक्निकल हेड (रिग्स प्रोजेक्ट) सत्यनारायण कोटिपल्ली ने बताया कि ONGC ने कंपनी को 47 तेल एवं गैस रिसाव रिग्स की आपूर्ति का ऑर्डर दिया है। यह रिग पूरी तरह से मेक इन इंडिया है। अब तक इन रिग्स की आपूर्ति भारत से बाहर से की जाती है। लेकिन अब आत्मनिर्भर भारत के तहत इन रिग्स का निर्माण मेघा इंजीनियरिंग ने शुरू किया है। कंपनी के पास ओएनजीसी, एचपीसीएल, भारत पेट्रोलियम समेत मैक्सिको तक से ऑर्डर मिले हैं। अब तक 15 रिग्स को परियोजनाओं में डिलीवर भी किया जा चुका है। मई तक 15 रिग्स चालू क दिए जाएंगे।
देश में यहां रिग्स की सप्लाई
एमईआईएल असम के शिवसागर, आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी, गुजरात के अहमदाबाद, अंकलेश्वर, मेहसाणा एवं काम्बे, त्रिपुरा के अगरतला और तमिलनाडु के करइकल में ओएनजीसी की परिसंपत्तियों को इन रिग्स की आपूर्ति करेगी।
मिला था 47 रिग्स का ऑर्डर
सत्यनारायण ने कहा कि ओएनजीसी से हमें कुल 47 रिग्स का ऑर्डर मिला था, जिनमें से 20 वर्कओवर रिग्स हैं जबकि 27 लैंड ड्रिलिंग रिग्स हैं। हम पहले चरण में 15 रिग्स को इस साल मई के अंत तक शुरू कर पाने की स्थिति में होंगे। इनमें से 10 ड्रिलिंग रिग्स हैं जबकि पांच वर्कओवर रिग्स होंगे। उन्होंने कहा कि 20 वर्कओवर रिग्स की क्षमता 50-150 टन की है जबकि लैंड ड्रिलिंग रिग्स की क्षमता 1500-2000 एचपी (HP) है। अभी तक एमईआईएल ने 10 ड्रिलिंग रिग्स की आपूर्ति की है। इनमें से तीन रिग्स पहले ही चालू हो चुके हैं, जबकि सात रिग्स स्थापना एवं शुरू किए जाने के दौर में हैं। ओएनजीसी के विभिन्न तेल-क्षेत्रों में अगले चार-पांच हफ्तों में ये भी काम करना शुरू कर देंगे छह रिग्स की दूसरी खेप भी ओएनजीसी को जल्द भेज दी जाएगी।
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