वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब ने कुछ महीने पहले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM को लेकर वीडियोज को लेकर अतिरिक्त नियम लाने की शुरुआत की थी। अब इसने ऐसे वीडियोज के मोनेटाइजेशन पर भी रोक लगाने की शुरुआत कर दी है। इसका मतलब है कि क्रिएटर्स को इस तरह के वीडियोज पर एडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू नहीं मिलेगा। ऐसा ही कुछ हुआ है मेघनाद और सोहित मिश्रा नाम के दो क्रिएटर्स के साथ।
मेघनाद और सोहित मिश्रा को हाल ही में यूट्यूब की ओर से अलर्ट मिला था। इसमें ईवीएम और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) मशीनों से जुड़े उनके कुछ वीडियोज पर मोनेटाइजेशन रोकने की बात कही गई है। यूट्यूब ने इसके पीछे अपनी एडवर्टाइजर फ्रेंडली गाइडलाइंस का हवाला दिया है। इसने कहा है कि गलत जानकारी देने वाले वीडियोज एड रेवेन्यू के योग्य नहीं हैं। बता दें कि मिश्रा के चैनल पर 3.68 लाख और मेघनाद के चैनल पर 42 हजार सब्सक्राइबर हैं।
Youtube ने EVM पर वीडियोज बनाने के लिए 2 क्रिएटर्स के कुछ वीडियोज पर मोनेटाइजेशन रोक दिया है। इन क्रिएटर्स में से एक NDTV में पत्रकार रह चुके सोहित मिश्रा का है, जिनके चैनल पर 3.68 लाख सब्सक्राइबर्स हैं।#LokSabhaElection2024 #EVM #YouTube
— Gaurav Pandey (@pen_gaurav_) April 13, 2024
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार मिश्रा के चैनल ‘सोहित मिश्रा ऑफिशियल’ के 4 वीडियोज पर मोनेटाइजेशन पर लिमिट लगी थी। ये चारों वीडियो ईवीएम से जुड़े थे। इसे लेकर मिश्रा ने रिव्यू की अपील की थी। लेकिन, इसके बाद भी केवल एक वीडियो से ही मोनेटाइजेशन लिमिट हट पाई है। वहीं, मेघनाद के चैनल ‘मेघनर्ड’ के 4 लाइव स्ट्रीम वीडियोज के एड रेवेन्यू पर रोक लगी है। चारों वीडियो 2 से 3 घंटे लंबे हैं जिनमें वह ईवीएम पर सवालों के जवाब देते नजर आते हैं।
Dear @YouTubeIndia even when I am interviewing the petitioner in the EVM case, YouTube says it's against their community guidelines and there will be almost no ad revenue. This is the third such video where we are speaking to EVM experts and YouTube has stopped the monetization!…
— sohit mishra (@sohitmishra99) April 4, 2024
मेघनाद ने इन वीडियोज में ईवीएम के साथ-साथ 100 प्रतिश वीवीपैट काउंटिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर भी चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि मैंने रिव्यू के लिए अप्लाई किया है लेकिन अभी तक यूट्यूब की ओर से मुझे कोई जवाब नहीं मिला है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि ऐसा क्यों किया गया। बता दें कि यूट्यूब के अनुसार इन दोनों के वीडियोज पर यह ऐक्शन इसलिए लिया गया क्योंकि उन्होंने इनमें एडवर्टाइजर गाइडलाइंस का उल्लंघन किया है।
सोहित मिश्रा के एक वीडियो में वह एक सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट, एक वरिष्ठ पत्रकार, एक राजनेता और एक अन्य क्रिएटर के साथ नजर आते हैं। इस वीडियो का टाइटल ‘ईवीएम पर सवाल, एकतरफा निर्वाचन आयोग और एक कमजोर लोकतंत्र’ है। 8 मार्च को यह वीडियो अपलोड किया गया था और खबर लिखे जाने पर इसे व्यूज की संख्या 94 हजार से ज्यादा थी। इसके अलावा ‘क्या भारत में स्वतंत्र और मुक्त चुनाव हो रहे हैं?’ नाम के एक अन्य वीडियो पर 40 हजार से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं।
Leave a Reply