
यूनिक समय, नई दिल्ली। शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़ी ममता सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने कोलकाता हाई कोर्ट द्वारा 25,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती रद्द करने के फैसले को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की और कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं।
कोलकाता हाई कोर्ट ने 2016 में किए गए शिक्षक भर्ती पैनल को पूरी तरह से रद्द कर दिया था, आरोप यह था कि भर्ती के लिए लोगों से 5 से 15 लाख रुपये तक वसूले गए थे। हाई कोर्ट ने कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में कई तरह की गड़बड़ियां थीं, जिन्हें ठीक करना आवश्यक था।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सीबीआई को जांच जारी रखने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि परीक्षा से संबंधित सभी उत्तर पुस्तिकाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाए।
सीजेआई संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए कहा कि जिन लोगों को अब तक नौकरी मिली थी, उन्हें वेतन वापस नहीं करना होगा, लेकिन उनके लिए यह नौकरी अब समाप्त हो चुकी है। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच के खिलाफ दायर याचिका पर 4 अप्रैल को सुनवाई होगी।
इस मामले में एक दिव्यांग उम्मीदवार को मानवीय आधार पर राहत देने का भी फैसला किया गया है।
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