इंफाल। मणिपुर की खौफनाक वीडियो सामने आने के बाद से देशभर में गुस्सा है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन इस मुद्दे को लेकर हंगामा हुआ और कोई काम नहीं हुआ। इस बीच मणिपुर पुलिस सूत्रों ने बताया है कि महिलाओं को नग्न कर घुमाने के पीछे क्या वजह थी।
भयावह वीडियो में भीड़ को दो महिलाओं को घुमाते हुए दिखाया गया है। इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि एक महिला के साथ गैंगरेप किया गया था। इस बीच पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली है कि पूरी घटना फर्जी खबर के चलते हुई। दिल्ली में हुए रेप की खबर को मणिपुर की घटना बताकर सोशल मीडिया पर फैलाया गया।
फर्जी खबर में बताया गया कि एक खास समुदाय की महिला के साथ रेप किया गया है। इसके साथ ही एक तस्वीर फैलाई गई। इसमें एक महिला को प्लास्टिक शीट में लिपटा दिखाया गया। दावा किया गया कि महिला मणिपुर की है। हालांकि, बात में पता चला कि रेप की घटना दिल्ली में हुई थी। इसका मणिपुर से संबंध नहीं था। इस फर्जी खबर की वजह से एक समुदाय के लोग भड़क गए। भीड़ ने कांगपोकपी में एक समूह के पांच लोगों का अपहरण कर लिया। मणिपुर में जातीय हिंसा 3 मई को भड़की थी। इसके एक दिन बाद 4 मई को कांगपोकपी में यह घटना हुई।
पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत के अनुसार हथियारों से लैस होकर करीब 800 से 1,000 लोगों ने बी. फीनोम गांव में धावा बोल दिया था। भीड़ ने लूटपाट की और तबाही मचाई। घरों को जला दिया गया और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इस अफरातफरी के बीच गांव के पांच लोग भागकर पास के जंगल में छिप गए। बाद में उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस टीम ने बचा लिया, लेकिन पुलिस स्टेशन ले जाते समय भीड़ ने उनका अपहरण कर लिया।
इसके बाद भीड़ ने एक व्यक्ति की तुरंत हत्या कर दी। FIR के अनुसार इसके बाद तीन लोगों को नग्न किया गया। 21 साल की एक लड़की के साथ गैंगरेप किया गया। 19 साल के उसके भाई ने बचाने की कोशिश की तो उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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