यूनिक समय, नई दिल्ली। मणिपुर में हुई हिंसा के मामले की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। सीबीआई ने इस मामले में छह एफआईआर दर्ज किए हैं और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अधिकारी मणिपुर में चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के मामले की भी जांच कर रहे हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार कहा था कि जल्द ऐसी सख्त कार्रवाई करें, जिसका असर जमीन पर दिखे नहीं तो हम कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में आज सुनवाई होगी।
इससे पहले गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि सीबीआई मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने के वायरल वीडियो की जांच करेगी। मणिपुर सरकार के साथ विचार के बाद इस केस को सीबीआई को सौंपा गया है। महिलाओं को नग्न घुमाने के मामले में मणिपुर पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध विशेष रूप से मणिपुर के मामले जैसे जघन्य मामले में उसकी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी है। मणिपुर सरकार ने 26 मई को सीबीआई से मामले की जांच कराने की सिफारिश की थी। इसे गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दे दी गई है।
गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि केस का ट्रायल मणिपुर से बाहर करने का निर्देश दे। मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह सीबीआई को आरोपपत्र दाखिल करने की तारीख से छह महीने के भीतर मुकदमा समाप्त करने का निर्देश दे। बता दें कि मणिपुर तीन मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट के आदेश के बाद तीन मई को आदिवासी एकता रैली निकाली गई थी। इसके बाद से हिंसा हो रही है। मैतेई और कुकी समुदाय के लोग आमने-सामने हैं। हिंसा में 160 से अधिक लोगों की जान गई है।
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