
यूनिक समय, मथुरा। आज शाम से मथुरा जनपद में वैवाहिक उत्सवों का सिलसिला शुरू होने जा रहा है। खरमास के समापन और शुक्र के उदय होने के साथ ही मांगलिक कार्यों पर लगा विराम खत्म हो जाएगा। जिले भर में 500 से अधिक शादियों का आयोजन तय किया गया है, जिससे शहर की सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ सकता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल गौड़ के अनुसार, खरमास के बाद 14 अप्रैल से 11 जून तक विवाह के लिए उत्तम लग्न उपलब्ध हैं, जिनमें से 23 दिन विशेष रूप से शुभ माने गए हैं। इन दिनों में विवाह सहित अन्य शुभ कार्य बिना किसी संकोच के किए जा सकते हैं। हालांकि, 11 जून को बृहस्पति के अस्त होने और 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी आने के बाद चार महीने तक शुभ कार्यों पर विराम लग जाएगा। अगला शुभ समय 1 नवंबर को हरि प्रबोधिनी एकादशी से शुरू होगा।
शादी के मौसम के आगमन के साथ ही बाजारों में रौनक लौट आई है। कपड़ों की दुकानों पर खासा उत्साह देखा जा रहा है। साड़ी, सलवार-कुर्ता, शेरवानी और बच्चों के वस्त्रों की खरीदारी जोर-शोर से चल रही है।
विवाह समारोहों के चलते मसानी चौराहा से लेकर हाईवे और वृंदावन के छटीकरा मार्ग पर जाम की स्थिति बन सकती है। प्रशासन द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष इंतजाम किए जाने की उम्मीद है।
बैंड-बाजे, शहनाइयों और फिल्मी गीतों की धुनों के साथ दूल्हा बग्गी में सवार होकर बारात लेकर निकलेगा, जिससे पूरे जनपद में उत्सव का माहौल रहेगा।
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