मथुरा: समान नागरिक संहिता के संदर्भ में महत्वपूर्ण परिचर्चा का हुआ आयोजन

समान नागरिक संहिता

यूनिक समय, मथुरा। उत्तराखंड में लागू की गई समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के संदर्भ में मथुरा के होलीगेट स्थित एक मार्केट में एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस आयोजन में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और अपनी राय व्यक्त की।

परिचर्चा में आम सहमति बनी कि समान नागरिक संहिता एक जनविरोधी, महिला विरोधी, असंवैधानिक और नागरिकों की निजता का उल्लंघन करने वाला कानून है। वक्ताओं ने यह भी कहा कि यह कानून भारतीय समाज में जातिवाद को बढ़ावा देने वाला है।

समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में कहा कि समान नागरिक संहिता महिलाओं के लिए कोई सकारात्मक बदलाव लेकर नहीं आती, बल्कि यह इस्लाम धर्म में महिलाओं को पैतृक संपत्ति में मिले अधिकार को भी समाप्त कर देती है।

अखिल भारतीय सांप्रदायिकता विरोधी समिति के अध्यक्ष शिवदत्त चतुर्वेदी ने इस कानून को भाजपा सरकार का सांप्रदायिक एजेंडा करार देते हुए कहा कि यह नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है।

सोशलिस्ट अड्डा की ओर से पवन सत्यार्थी, शिल्पी प्रतिहारी, आरती कर्दम, कुलदीप, रचना, रवींद्र सिंह बिष्ट जैसे प्रगतिशील विचारक उपस्थित थे और उनके द्वारा क्रांतिकारी विचारों पर आधारित पोस्टर्स और बुक स्टॉल लगाए गए।

इस कार्यक्रम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाबू रमेश चंद्र गर्ग ने गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए मनोज गौड़ को सम्मानित किया।

बैठक में भाकपा माले के नेता बीएम मेहता, इप्टा के योगेश शर्मा, आम आदमी पार्टी के नेता रवि भारद्वाज, आरटीआई एक्टिविस्ट उमाशंकर शर्मा, तथा कई अन्य समाजवादी और जनवादी नेता उपस्थित थे। परिचर्चा का संचालन समाजवादी लोकमंच के सौरभ इंसान ने किया।

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