यूनिक समय ,मथुरा। हिंदू राष्ट्र अधिवेशन में रविवार को हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति के माध्यम से हिंदू राष्ट्र के लिए जन आंदोलन खड़ा करने का एलान किया गया। अपने क्षेत्र में हिंदू संगठन, धार्मिक संस्था, अधिवक्ता, सेवानिवृत्त अधिकारी, उद्योगपति आदि से संपर्क करना और सभी जिलों में हिंदू राष्ट्र समन्वय समिति का कार्य आरंभ करने की योजना बनाई गई।
इस दिशा में विविध राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने प्रति माह एकत्र, स्थानीय स्तर पर प्रशासन को ज्ञापन देना, राज्य एवं जिला स्तर पर हिंदू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन करना और सनातन धर्म पर संकट आने पर एकत्रित आंदोलन करना निश्चित किया। इसी के साथ मंदिरों को संगठित करके उसमें वस्त्र संहिता लागू करना, मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त करना आदि विषयों पर भी कार्य करने का निर्णय हुआ।
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगले ने कहा कि भारत को तोड़ने के लिए देश-विदेश की शक्तियां कार्यान्वित हैं। उन्होंने आपसी समन्वय बनाया है। हमें भी हिंदू इकोसिस्टम बनाकर हिंदू राष्ट्र का लक्ष्य साकार करना है। अधिवेशन में 54 से अधिक संगठनों के लोग जुटे।
काशी और मथुरा के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जाए इस मांग के लिए समिति अधिकृत www.HinduJagruti.org पर ऑनलाइन पिटीशन प्रारंभ की। अधिवेशन में द्रोपदी ड्रीम ट्रस्ट की अध्यक्ष नीरा मिश्रा, मथुरा की हिंदू महासभा की जिलाध्यक्ष छाया गौतम, सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता उमेश शर्मा और हरदीप सिंह सूरी उपस्थित रहे।
हिंदू राष्ट्र अधिवेशन में पास हुए ये प्रस्ताव
– सरकार के नियंत्रण में देश भर के जो मंदिर हैं उन सर्व मंदिरों का सरकारीकरण निरस्त कर सनातन बोर्ड के अंतर्गत लाया जाए।
– मंदिर परिसर को मद्य व मांस से मुक्त किया जाए।
– काशी और मथुरा मंदिर के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन कर प्रतिदिन सुनवाई की जाए।
– उत्तर प्रदेश की तरह पूरे भारत में हलाल सर्टिफिकेशन को निरस्त किया जाए।
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