
यूनिक समय, मथुरा। श्री मलूकपीठ बिहारी सेवा संस्थान, वंशीवट में चल रहे श्रीमद् जगद्गुरु द्वाराचार्य श्री मलूकदास देवाचार्य महाराज के 451वें जन्मोत्सव के चौथे दिन आयोजित प्रवचन में श्रीमज्जगद्गुरु अग्रदेवाचार्य एवं मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेन्द्रदास देवाचार्य महाराज ने संत चरणों के प्रति भक्ति को प्रभु भक्ति के समकक्ष बताया।
श्री मलूकदास जी की 451वीं जयंती पर उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि कई बार व्यक्ति की दिनचर्या ऐसी हो जाती है कि वह सीधे भगवान की सेवा या उपासना में स्वयं को समर्पित नहीं कर पाता। ऐसे में यदि वह संतों के प्रति प्रेम, श्रद्धा और सेवा भाव रखे, तो यह भी प्रभु भक्ति के समान पुण्यफल देने वाला होता है। संतों और गुरुओं की सेवा से भी ईश्वर के प्रति अनुराग की भावना जाग्रत होती है और आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
इस अवसर पर करूणा सिन्धु वाले महाराज, रामदास जी महाराज, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज, किशोर देव दास जी महाराज (गोरेलाल कुंज), बलराम दास महाराज, वेणुगोपाल दास महाराज, तथा उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विकास मंत्री श्री लक्ष्मीनारायण चौधरी एवं लिधौरा के श्रीमहन्त जी ने व्यासपीठ का पूजन-अर्चन किया।
समारोह में संत रसिक माधवदास महाराज, गंगा दास महाराज, अनुराग दास महाराज और धनंजय महाराज सहित अनेक संत-महंतों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिससे आयोजन भक्तिमय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
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