
यूनिक समय, मथुरा। महात्मा ज्योतिराव फुले विकास समिति और अखिल भारतीय समता फाउंडेशन के संयुक्त आयोजन में 18 अप्रैल को एक विरोध मार्च निकाला जाएगा। यह मार्च फिल्म ‘फूले’ में सेंसर बोर्ड द्वारा ऐतिहासिक जातीय संदर्भों से जुड़े दृश्यों को हटाने के निर्णय के खिलाफ होगा।
फिल्म ‘फूले’ महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के जीवन और उनके सामाजिक संघर्षों पर आधारित है। आरोप है कि ब्राह्मण संगठनों के दबाव में आकर सेंसर बोर्ड ने फिल्म के कुछ महत्वपूर्ण ऐतिहासिक दृश्य हटाने का निर्णय लिया है। आयोजकों का कहना है कि यह निर्णय न केवल महात्मा फुले के विचारों और संघर्षों का अपमान है, बल्कि यह देश की बहुजन चेतना को दबाने की एक साज़िश है।
महात्मा फुले का आंदोलन सत्य, समानता और शिक्षा के मूल्यों पर आधारित था, और आयोजकों का कहना है कि उस ऐतिहासिक सच को सेंसरशिप के माध्यम से मिटाया नहीं जा सकता।
विरोध प्रदर्शन के तहत 18 अप्रैल को सुबह 11 बजे राजकीय छात्रावास से एसएसपी आवास तक पैदल मार्च निकाला जाएगा, जिसके बाद जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। यह जानकारी समिति के अध्यक्ष रमेश सैनी ने दी।
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