यूनिक समय,मथुरा/ कोसीकलां। हजरत मोहम्मद की पैदाइश की खुशी में ईद मिलादुन्नबी पर गुरुवार को पूरा शहर नबी के नारों से नूरानी हो उठा। शहर से निकले जुलूस-ए-मोहम्मदी में हाथों में तिरंगा, नबी के आने का पैगाम देतीं हरी झंडियां और होठों पर नबी के कलाम थे। इत्र और फूलों की खुशबू ने माहौल को और नूरानियत से भर दिया। बड़े, बच्चे, बूढ़े सभी लकदक कुर्ता पायजामा पहने, सिर पर रंगबिरंगा साफा बांधे नबी के आमद की खुशी में निकलने वाले इस जुलूस में अकीदत के साथ शामिल हुए। हर ओर …सरकार की आमद मरहबा, दिलदार की आमद मरहबा… जैसे नारों से शहर दोपहर तक गूंजता रहा।
मथुरा शहर में मनोहपुरा स्थित कल्लू मल्लू के कारखाने से जुलूस शुरु हुआ , भरतपुर गेट, घीया मंडी, चौक बाजार, मंडी रामदास से डीग गेट होता हुआ मनोहरपुरा में जाकर समाप्त हुआ।
जुलूस की अगुवाई करने वालों हाफिज इशाक, हाफिज वहीम एवं हाफिज कय्यूम आदि शामिल थे। कोसीकलां में पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोपहर डेढ़ बजे राठौर नगर, पशु पैंठ स्थित मदरसा रजा-ए-मुस्तुफा से मौलाना सय्यद मंसूर आलम ने इस्लामी परचम दिखाकर जुलूसे मोहम्मदी को रवाना किया। पूरे शान व शौकत के साथ जुलूस-ए-मोहम्मदी निकला। जुलूस निर्धारित रास्तों से होते हुए गुजरा, जिसमें अलग-अलग इलाकों के जुलूस शामिल होते गए और उसकी शान बढ़ती गई।
माइक पर लोग रास्ते भर नात और कलामों का नजराना पेश करते चल रहे थे। काबा और मीनारों की झांकियों के साथ निकले इस जुलूस में सैकड़ों वाहनों के अलावा घोडों, ऊंटों पर अरबी लिबास में सवार लोग शामिल थे।
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