मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर और ईदगाह प्रकरण इन दिनों चर्चा में हैं। इसको लेकर दोनों पक्षों की तरफ से नित नए दावे किए जाते हैं। दावों की पुष्टि के लिए साक्ष्य भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं।
मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ द्वारा तैयार कराए मंदिर में विशेष महत्व रखने वाले कुएं आज भी मौजूद हैं। औरंगजेब व अन्य मुस्लिम आक्रांताओं ने श्रीकृष्ण के मंदिरों को बार-बार तोड़ा, लेकिन वह कुओं को नष्ट नहीं कर सके। यह तीन कुएं आज भी श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में मौजूद हैं और इतिहास का आइना बने हैं। इसी परिसर पर मौजूद ईदगाह को हटाने के लिए विभिन्न पक्षकारों ने अदालत में दावे किए हैं और इस स्थान पर मंदिर के होने के साक्ष्य जुटा रहे हैं।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में एक कुआं गर्भगृह और ईदगाह के एक दम नजदीक उत्तर दिशा में है। वर्तमान में इस पर पुलिस पीएसी तैनात रहती है। आम श्रद्धालु इसे नहीं देख सकते हैं। दूसरा कुआं गिरिराजजी के पास गर्भगृह पश्चिम की तरफ है, जहां पर दर्शनार्थी दर्शन करते हैं। जबकि तीसरा कुआं गर्भगृह के दक्षिण दिशा में है, इसे जन्मस्थान प्रशासन ने चहारदीवारी लगाकर ढक दिया है।
ओरछा राजा वीर सिंह बुंदेला द्वारा बनवाए गए मंदिर में एक कुएं की जानकारी मिलती है, जिसमें बुर्ज के नीचे कुआं बना था और कुएं से पानी की सतह से लगभग 60 फुट ऊंचा उठाकर फव्वारा चलाया जाता था। इसका जिक्र 1650 ईसवी में फांस के यात्री टैवर्नियर के अलावा अन्य लेखकों ने मंदिर के बारे में लिखी गई बातों में भी किया है।
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