नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 पर ऐतिहासिक फैसले के बाद इसपर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। इसे लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र के काला दिन है। उन्होंने कहा ‘केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद उपमहाद्वीप में इसके भयावह परिणाम होंगे। भारत सरकार के इरादे स्पष्ट हैं। वे चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोग आतंकित हों। कश्मीर पर भारत अपने वादों को निभाने में विफल हो चुका है। आज भारतीय लोकतंत्र में सबसे काला दिन है। भारत सरकार की अनुच्छेद 370 को रद्द करने का एकतरफा निर्णय गैरकानूनी और असंवैधानिक है जो भारत को जम्मू-कश्मीर में एक व्यावसायिक शक्ति बना देगा।’
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भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा ‘मैं सही साबित हुआ। अनुच्छेद 370 को खत्म करने के लिए हमें संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, अमित शाह ने संसद को एक प्रस्ताव के माध्यम से सूचित किया।अनुच्छेद 370 का आज खत्म हो गया।’
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज ने कहा ‘बहुत साहसिक और ऐतिहासिक निर्णय. श्रेष्ठ भारत – एक भारत का अभिनन्दन।
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा ‘ यह एक अस्थायी और क्षणिक प्रावधान था जिसे स्थायी नहीं माना जा सकता। इसे जाना ही था। अलग स्टेटस के कारण अलगाववाद को बढ़ावा मिला। कोई भी गतिशील राष्ट्र इसे जारी रखने की अनुमति नहीं दे सकता है। ऐतिहासिक गलती को आज सुधारा गया। अनुच्छेद 35A भारत को संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत प्रक्रिया का पालन किए बगैर लागू किया गया था । इसे जाना था। एक ऐतिहासिक गड़बड़ी को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह के साथ उनकी शुभकामनाएं।
बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के लिए सोमवार को ऐतिहासिक बदलाव की पेशकश की। उन्होंने यहां से अनुच्छेद 370 हटाने की सिफारिश की। इस बदलाव को राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी दे दी गई है। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अनुच्छेद 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे। इसमें सिर्फ एक खंड रहेगा। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया।
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