मथुरा: कोर्ट ने मथुरा-वृंदावन के नगरायुक्त रहे रविंद्र मांदड के खिलाफ एक मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश कोतवाली मथुरा को दिए हैं। तत्कालीन नगरायुक्त समेत 20 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश कोर्ट ने दिए हैं। मामला 4 सितम्बर 2019 का है। अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष के साथ मारपीट के मामले में कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
4 सितंबर 2019 का है घटनाक्रम
रामपुर के डीएम और तत्कालीन मथुरा-वृंदावन नगर निगम के नगर आयुक्त रहे आईएएस रविंद्र कुमार मांदड समेत 20 लोगों पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। मामला 4 सितंबर 2019 है। पीड़ित ने राजेंद्र सिंह ने बताया कि तत्कालीन नगर आयुक्त रविंद्र कुमार मांदड निगम के अधिकारियों के साथ जन समस्याओं को जानने के लिए शहर के गुरु नानक नगर आदि इलाकों में दल बल के साथ भ्रमण कर रहे थे। उक्त समय गुरु नानक नगर निवासी राजन सिंह होरा यानी मैं अपने घर से बाहर आया और भीड़भाड़ को देख कर रुक गया। उन्होंने नगर आयुक्त से क्षेत्रीय समस्याओं को बताने का प्रयास किया तो इस बात पर आयुक्त भड़क गए। मैंने नगर आयुक्त को अपना परिचय दिया। परिचय सुन नगर आयुक्त भड़क गए। तत्कालीन नगर आयुक्त ने कहा कि पार्टी के नाम पर गुंडागर्दी करोगे और मुझे धक्का दे दिया। यह देख नगर आयुक्त के साथ मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी उनके साथ मारपीट की। इस बीच नगर आयुक्त के सरकारी गनर ने अपनी कार्बाइन से उन पर कई वार किए। इससे राजेंद्र सिंह होरा यानी मेरे हाथ में फैक्चर हो गया।
नगरायुक्त सहित 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेश
राजेंद्र होरा के अनुसार, फैक्चर कि वजह से कई दिन तक अस्पताल में भर्ती रहे और उन्होंने इस घटना कि तहरीर शहर कोतवाली में दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो राजेन्द्र सिंह ने कोर्ट की शरण ली। सुनवाई के बाद सीजेएम ने 30 सितंबर 2021 को मामले में कोतवाली मथुरा पुलिस को सभी आरोपियों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करने के आदेश दिए हैं। पीड़ित राजेंद्र के अनुसार, इस मामले में तत्कालीन नगरायुक्त के साथ ही तत्कालीन सहायक नगरायुक्त अजीत कुमार सिंह, सेनेटरी इंस्पेक्टर नीरज कुमार सिंह सहित 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत के आदेश हुए हैं। जब इस बारे में उन्होंने पुलिस से जानकारी करना चाहा तो इस पर राजेन्द्र सिंह का कहना है कि अभी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है। कोतवाल अपने उच्च अधिकारियों से बात करने के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं। अब देखना होगा कि कोर्ट के आदेश के बाद कब तक मुकदमा दर्ज होता है।
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