नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 10 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड बिल 2019 को मंजूरी दे दी है. इसके तहत कर्मचारियों के कार्यालय, सुरक्षा, स्वास्थ्य और वर्किंग कंडीशन को लेकर कई कदम उठाए गए है. वहीं, दफ्तर में अब महिलाओं के लिए वर्किंग आवर 6 बजे सुबह से 7 बजे शाम के बीच ही रहेगा. लेकिन 7 बजे शाम के बाद वर्किंग आवर तय किया जाता है तो सुरक्षा की जिम्मेदारी कंपनी की होगी.ओवरटाइम लेने से पहले कर्मचारी की सहमति लेनी जरूरी होगी.महीने में अधिकतम ओवरटाइम 100 घंटे की बजाय 125 घंटे हो सकेंगे. वहीं, ग्रैंड पैरेंट्स को मिलने वाली सुविधाएं अब डिपेंडेंट ग्रैंड पैरेंट्स को भी मिल सकेंगी. कंपनी में बच्चों के लिए क्रेच, कैंटीन जैसी सुविधा जरूरी होगी. तय उम्र के बाद कर्मचारियों के लिए मुफ्त हेल्थ चेकअप की सुविधा होगी.
कर्मचारियों के लिए उठाने होंगे ये कदम
- देश की सभी कंपनियों के कर्मचारियों को अब अपॉइंटमेंट लेटर देना जरूरी है.
- परिवार की परिभाषा का दायरा बढ़ाया जाएगा.
- अब सिर्फ अपने ग्रैंड पैरेंट्स के अलावा डिपेंडेंट ग्रैंड पैरेंट्स को भी शामिल किया जाएगा.
- ग्रैंड पैरेंट्स को मिलने वाली सुविधाएं अब डिपेंडेंट ग्रैंड पैरेंट्स को भी मिल सकेंगी.
- कंपनी में बच्चों के लिए क्रेच, कैंटीन जैसी सुविधा जरूरी होगी.
- तय उम्र के बाद कर्मचारियों के लिए मुफ्त हेल्थ चेकअप की सुविधा होगी.
कंपनियों के लिए उठाए गए कदम- संतोष गंगवार ने बताया है कि अब कंपनियों को सिर्फ एक ही फॉर्म भरना होगा. कंपनियों के लिए अब रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस हासिल करना आसान हो जाएगा. ये सभी कानून जल्द लोकसभा में पेश होंगे. उन्होंने बताया कि कंपनियों को पहले 13 फॉर्म भरने होते थे.
श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार का प्राथमिकता मजदूरों की हितों का ख्याल रखना है. इसीलिए सरकार ने 13 श्रम कानून को मिलाकर एक कानून बनाएंगे. इससे 40 करोड़ कामगारों को फायदा होगा.
संतोष गंगवार ने बताया है कि केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि अब 178 रुपये प्रतिदिन मजदूरी हर महीने की तय तारीख को देनी होगी. लेकिन ज्यादा देने वाले राज्यों पर कोई रोक नहीं है. इस फैसले से 30 करोड़ कर्मचारियों को सही समय पर वेतन मिलेगा.अगले 2-3 दिन में यह कानून बिल लोकसभा में पेश होगा.
Leave a Reply