मोदी सरकार ने किया बड़ा फैसला, आधार कार्ड को लेकर बदल दिये पूरे नियम….

नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के बाद देशभर में पहचान संबंधी दस्तावेजों को लेकर बहस छिड़ी हुई है। इसी बीच खबर आ रही है कि सरकार आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने (लिंक करने) जा रही है। इसे अनिवार्य बनाने के लिए सरकार कानून ला सकती है। कानून मंत्रालय ने इस बारे में चुनाव आयोग की ओर से मिले सुझाव पर विचार करते हुए इसे मान लिया है। मंत्रालय अब इस कानून के लिए कैबिनेट नोट तैयार कर रहा है।

मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि कानून मंत्रालय जनप्रतिनिधित्व कानून (रिप्रेंजटेशन ऑफ पीपल एक्ट-1951) में कुछ बदलाव की तैयारी कर रहा है और उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल समिति के समक्ष यह संशोधन प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि इस संबंध में एक विधेयक बनाया जा सके और इसे संसद में पेश किया जा सके।

जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन के बाद नागरिकों को गोपनीयता की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए 12-अंकों के आधार के साथ अपने इलेक्टोरल फोटो आईडी कार्ड (ईपीआईसी) को जोड़ने की आवश्यकता होगी। एक अधिकारी ने एजेंसी को बताया, “मंत्रालय कानून को संशोधित करने के लिए चुनाव आयोग के प्रस्ताव पर विचार करते हुए एक कैबिनेट नोट तैयार करने में व्यस्त है।”

हालांकि अभी कानून मंत्रालय इस मसले से जुड़े हर पहलू को देख रहा है, जिसमें किसी भी व्यक्ति की जानकारी, डाटा की चोरी ना होने के खतरे को परखा जाएगा। मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि ये कैबिनेट नोट कब पेश किया जाएगा, इसकी अंतिम तिथि तय नहीं है, लेकिन आसार हैं कि बजट सत्र से पहले या सत्र के दौरान इसे सदन में रखा जा सकता है, जो 31 जनवरी को शुरू होगा।

बता दें कि अगस्त 2019 में चुनाव आयोग की ओर से कानून मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी गई थी, जिसमें अपील की गई थी कि जो नए वोटर आईडी कार्ड के लिए आवदेन कर रहे हैं, उनके आधार को लिंक करने पर विचार किया जा सकता है। इसमें अभी तक के वोटरों को भी जोड़ा जा सकता है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*