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महेश वाष्र्णेय
यूनिक समय, वृंदावन। केशव धाम में पुलिस के कड़े पहरे के बीच ब्रज प्रांत में तीन दिवसीय प्रवास के दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने प्रांत कार्यकारणी के कार्यकर्ताओंं का मार्गदर्शन किया। वह कोरोना संक्रमण काल से दुखी दिखे। जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौरान समाज में अनेक प्रकार की समस्याओं ने जन्म लिया है। समाधान के लिए संघ के स्वयंसेवकों ं को समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है।
जिला स्तर पर अध्ययन करके समाज में स्वास्थ्य के प्रति प्रबोधन करना है। कहा कि रोजगार की दृष्टि से पलायन कर लौटे बन्धुओं को, जिससे परिवार का भरण-पोषण ठीक प्रकार से हो सके, ऐसी योजना बनाकर उनके लिये काम की योजना तथा प्रशिक्षण की महती व्यवस्था करने की भी आवश्यकता है। अनेक प्रकार से अवसाद में आए बन्धुओं की काउंसलिंग की व्यवस्था के लिए स्वयंसेवक बन्धुओं को आगे आकर अपना दायित्व पूर्ण करने भी योजना बनानी चाहिए। शैक्षिक स्तर पर अभावों में जीवन यापन वाले वर्ग के बालकों की दशा पर उन्होंने कहा कि ऐसे बालकों को कोचिंग, पुस्तकें व शुल्क आदि के लिए समाज को अपना दायित्व मानकर सहयोग करने हेतु जागरूक करने की आवश्यकता है।
कहा कि शाखा द्वारा व्यक्ति निर्माण तथा गतिविधियों के माध्यम से समाज जीवन में परिवर्तन- इस दृष्टि से परिवार प्रबोधन, सामाजिक समरसता तथा पर्यावरण जैसी प्रमुख गतिविधियों को छोटी-छोटी इकाइयों पर टोली बनाकर समाज को जोड़कर उनके दायित्व का बोध कराना है। व्यक्ति आचरण से समाज में परिवर्तन हो, ऐसे प्रयासों को गति देनी है। सर संघ चालक ने कहा कि संघ के स्वयंसेवकों द्वारा संचालित गतिविधियों का प्रत्यक्ष आचरण हमारे परिवार, व्यवसाय, सामाजिक व व्यक्तिगत जीवन में प्रारंभ हो, ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए।
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