पूर्वोत्तर की राजनीति के लिए सोमवार का दिन बेहद ही अहम है। मणिपुर की विधानसभा में आज विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। यह फ्लोर टेस्ट ही भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार के भाग्य का फैसला करेगा। विपक्षी कांग्रेस द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लेकर आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने बीते शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
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दरअसल, मणिपुर में लंबे समय से सियासी खींचतान चल रही है। भाजपा गठबंधन वाली सरकार के कुछ मंत्री और विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मच गई। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने सोमवार की रणनीति पर चर्चा करने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायकों की बैठक बुलाई थी। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष बैठक शामिल नहीं हुए।
विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग के लिए कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया है। व्हिप में सभी सदस्यों से सुबह 11 बजे से सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा गया है। भाजपा के मुख्य सचेतक और मंत्री टी. बिस्वजीत सिंह ने भी पार्टी विधायकों को सत्र में भाग लेने और विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया है।
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60 सदस्यों वाली मणिपुर विधानसभा की मौजूदा संख्या स्पीकर समेत 53 है। चार विधायकों को दल बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया है। जबकि तीन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस के पास फिलहाल 24 विधायक हैं, जबकि सत्ताधारी भाजपा गठबंधन के पास 29 विधायक हैं। भाजपा के पास 18 विधायक हैं। वहीं एनपीपी के पास चार, एनपीएफ के चार और एक-एक विधायक टीएमसी लोक जनशक्ति पार्टी के हैं। इसके अलवा एक निर्दलीय विधायक है।
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