नई दिल्ली। अगले कुछ दिनों में देश के सभी हिस्सों में जोरदार बारिश होने की उम्मीद जताई जा रही है. अमेरिकी मौसम एजेंसिया और भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि अब अल नीनो खत्म होने ही वाला है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मानसून सीजन के बाकी बचे समय में जोरदार बारिश हो सकती है. पिछले एक महीने में अल नीनो का प्रभाव काफी कमजोर हुआ है और अगले एक या दो महीनों में इसका असर पूरी तरह खत्म होने की उम्मीद है. अमेरिका की मौसम एजेंसी के हालिया अपडेट में यह जानकारी सामने आई है. आपको बता दें कि हर 2 और 6 साल में पूर्वी और केंद्रीय विषुवतीय प्रशांत महासागर के सतह का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है. इससे हवा की दिशा और गति बदल जाती है, जिसका दुनिया के तमाम हिस्सों में मौसम पर असर पड़ता है. इसे ही अल नीनो कहते हैं.
दुनियाभर की एजेंसी ने दी जानकारी- क्लाइमेट प्रेडिक्शन सेंटर और अमेरिका की दूसरी नेशनल एजेंसियों की ओर से जारी लेटेस्ट अपडेट में बताया गया है कि पिछले महीने अल नीनो का असर नाटकीय तौर पर कमजोर हुआ है. भारतीय मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अल-नीनो की मौजूदगी से जून में मानसून पर प्रभाव पड़ा जिसकी वजह से बारिश में 33 फीसद की कमी दर्ज की गई.
आने वाले दिनों में मानसून के और बेहतर होने की संभावना जताई जा रही है. अमेरिकी मौसम एजेंसियों के मुताबिक, आने वाले एक या दो महीनों में अल नीनो खत्म हो जाएगा.
अब आगे क्या- भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि अल-नीनो का प्रभाव पूरी तरह से दूर नहीं हो सकता है. हां यह जरूर है कि यह निश्चित रूप से यहां से कम हो जाएगा. अब चूंकि अल-नीनो कमजोर हो रहा है तो उम्मीद है कि मानसून अच्छा रहेगा. हफ्तेभर पहले तक मानसून का स्तर औसत से 45 फीसदी कम रहा है. इससे सीजन की बुआई में भी गिरावट दर्ज की गई है.
अल नीनो क्या है-अल-नीनो (El Nino) के प्रभाव से प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह गर्म हो जाती है, इससे हवाओं का रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आ जाता है. इस वजह से मौसम-चक्र गड़बड़ा जाता है. इसी वजह से मौसम में बड़ा बदलाव आता है. साथ ही, कई स्थानों पर सूखा पड़ता है तो कई जगहों पर बाढ़ भी आती है. कभी-कभी ज्यादा गर्मी और तापमान में इजाफा भी अलनीनो की वजह से ही होता है. अल-नीनो का असर विश्व भर के वातारण और मौसम पर होता है.
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