गुजरात के मोरबी में 100 साल पुराना सस्पेंशन ब्रिज गिरने से 134 लोगों की मौत हो गई. हादसे के दौरान मोरबी पुल पर करीब 500 लोग मौजूद थे.
गुजरात के मोरबी में हुए केबल ब्रिज हादसे पर पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में 9 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इन लोगों से पुलिस पूछताछ कर रही है. जबकि दूसरी तरफ मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोरबी पहुंचकर पीड़ित परिवारवालों से मुलाकात करेंगे. इस हादसे में अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं. वहीं, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की है. हादसे के बाद से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
बताया जा रहा है कि हिरासत में लिए गए लोगों में पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं. इसके अलावा पुलिस ने पुल के प्रबंधन से जुड़े तमाम लोगों से पूछताछ कर रही है. इससे पहले एक अधिकारी ने बयान दिया था कि इस पुल के मरम्मतकर्ता ने इसे फिर से खोलने से पहले अधिकारियों से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं लिया था. न ही इसे खोलने के लिए सरकार से अनुमति ली गई.
मोरबी हादसे के बाद प्रशासन ने जूल ब्रिज प्रबंधन के प्रबंधक, रखरखाव टीम के प्रबंधक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304, 308, 114 के तहत अपराध दर्ज कराया है. शिकायत में कहा गया है कि पुल का उचित रखरखाव नहीं किया गया था.
अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान पूरी रात चला. सेना की टीमें, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और भारतीय वायु सेना के जवान मौके पर हैं, मलबे के बीच फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं. सीएम भूपेंद्र पटेल ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन की समीक्षा की है. फंसे हुए लोगों को मलबे से निकालने का काम लगातार जारी है.
हादसे में अब तक का अपडेट
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने बताया, 132 शव बरामद हुए और 2 अभी भी लापता हैं. उनका पता लगाने के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है. एनडीआरएफ की 5 टीमें तैनात एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, सेना, गरुड़ कमांडो भी हैं. जल्द ही सर्च ऑपरेशन खत्म हो जाएगा
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