
यूनिक समय, नई दिल्ली। भारत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। तहव्वुर राणा को भारत लाने के बाद दिल्ली और मुंबई की जेलों में उसकी सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जो अमेरिकी अदालत की सलाह पर किए गए हैं।
तहव्वुर राणा, जो आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का एक महत्वपूर्ण सदस्य था, 2008 के मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए कुख्यात है। राणा ने अपने साथी डेविड कोलमैन हेडली को भारत में हमले के लिए रेकी करने में मदद की थी और उसे भारतीय वीज़ा दिलवाया था ताकि वह लक्ष्य का चयन कर सके। इस हमले की साजिश लश्कर और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मिलकर रची थी। हमले के बाद राणा ने आतंकवादियों के मरने पर खुशी जताई थी और उनका स्वागत पाकिस्तान के सर्वोच्च सैन्य सम्मान से करने की बात की थी।
अमेरिका में तहव्वुर राणा के खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया के तहत, भारत ने 2019 में उसकी प्रत्यर्पण की मांग की थी। इस मामले में फरवरी 2025 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की थी कि राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए किया जाएगा। भारत सरकार ने इस प्रक्रिया को लगातार प्राथमिकता दी और अंततः उसे न्याय के सामने लाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए।
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वह पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कॉलेज से स्नातक था। उसने पाकिस्तान सेना में एक दशक तक डॉक्टर के रूप में कार्य किया, लेकिन बाद में अपनी नौकरी छोड़ दी। वह अब कनाडा का नागरिक है। राणा की पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के मेजर इकबाल के साथ करीबी दोस्ती थी, जिन्होंने मुंबई हमलों की योजना बनाई थी।
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