बुधवार को रामबाग में हुए डबल मर्डर के आरोपी की वारदात को अंजाम देने की कहानी को सुनकर जेल में मौजूद अन्य लोग हैरान रह गए। उसने बताया भूत प्रेत का डर खत्म करने के लिए उसने वारदात को अंजाम दिया। उसने कहा कि अब मैने डर खत्म कर दिया।
बता दें कि आरोपी दीप तिवारी को शुक्रवार को पुलिस ने जेल भेज दिया। जेल प्रशासन ने दोहरे हत्याकांड के आरोपी दीप को आईसोलेशन बैरक में रखा है। उसकी उम्र और कांड सुनने के बाद कई शातिर भी सख्ते में हैं। वहां भी दीप तिवारी अन्य कैदियों को भूत प्रेत की कहानियां सुनाता रहा। बोला कि उसकी बहू पर भूत का साया था।
वह देर रात में उठकर चिल्लाने लगती थी। आसपास रहने वाले लोग इकट्ठा हो जाते थे। वह अजीब तरह से अपनी गर्दन और हाथ पैर हिलाने लगती थी और फिर कहती थी सब तबाह कर दूंगी। उसे ऐसे देखकर डर भी लगता था। लेकिन अब मैंने डर खत्म कर दिया है। वहीं, पुलिस उसे मानसिक रोगी बता रही है।
दीप को अपनी करतूत पर कोई पछतावा नहीं है। उसने बंदियों से कहा कि मेरे जैसे जीवन जिया होता तो तुम लोग भी ऐसा ही करते। मुझे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। वह आराम से रह रहा है और जेल में जो खाना बन रहा है वह उसे ठीक से खा पी भी रहा है।
शिवम और जूली का अंतिम संस्कार भैरव घाट पर हुआ। शिवम के मानसिक रूप से कमजोर भाई मोनू ने दोनों को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के बाद उसके चाचा उसे अपने साथ कन्नौज ले गए। मोनू की स्थायी व्यवस्था के लिए पुलिस अधिकारियों ने कुछ एनजीओ से संपर्क किया है।
बता दें कि कानपुर के रामबाग में बुधवार रात पिता ने सोते वक्त अपने बेटे और बहू का धारदार चाकू से गला रेत दिया था । दोनों तड़पते रहे और वह तब तक वहां बैठा रहा जब तक उनकी जान नहीं चली गई। गुरुवार सुबह उसने बेटे-बहू की हत्या होने का ड्रामा किया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने चंद घंटे बाद वारदात का खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में वारदात कबूली है। आपसी विवाद, आर्थिक तंगी समेत कई छोटे-छोटे कारण हैं, जिनकी वजह से आरोपी ने वारदात को अंजाम देने का दावा किया है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि शिवम व जूली के अलावा घर में शिवम का पिता दीप कुमार व बड़ा भाई मोनू (मानसिक रूप से कमजोर) रहता है। बुधवार रात करीब 11 बजे मोनू छत पर सोने चला गया। इधर कमरे में शिवम, जूली सो गए। दीप कमरे में ही था लेकिन वह जागता रहा। रात 12 या एक बजे के बीच दीप ने चाकू से पहले शिवम और फिर जूली का गला रेत दिया। जब दोनों की मौत हो गई तो वह छत पर जाकर सो गया। इसके बाद उसने कहानी रची। वह करीब पांच बजे नीचे आया और घर के भीतर घुसते ही चीखने चिल्लाने लगा। तब पड़ोसी किरायेदार वहां पहुंचे, जहां शिवम व जूली के शव पड़े थे।
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