लखनऊ। राजधानी लखनऊ में बुधवार को एक बड़ी वारदात हो गई। लखनऊ कोर्ट परिसर में कुख्यात गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई है। वकील की ड्रेस में आये बदमाशों ने कोर्ट परिसर में इस वारदात को अंजाम दिया। संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा कोर्ट में पेशी पर आया था। भारी सुरक्षा व्यवस्थाओं के बीच हुए इस वारदात से कोर्ट परिसर में हड़कम्प मच गया। बताया जा रहा है कि एक बच्चे और सिपाही को भी गोली लगी है। बलरामपुर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। मौके से वकील की वेश में आए एक हमलावर को भी पकड़ा गया है।
घटना लखनऊ कोर्ट परिसर की है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करीबन 3:55 बजे वकील के वेश में आए दो हमलावरों ने संजीव जीवा पर गोलियां बरसाईं। उनमें से एक हमलावर भागने में सफल रहा, जबकि दूसरे हमलावर को दबोच लिया गया। हमलावर की पहचान केराकत, जौनपुर के रहने वाले विजय यादव के रूप में हुई है। इस दौरान वकीलों ने अपना गुस्सा भी जाहिर किया और हमलावर की पिटाई करने की कोशिश भी की। पर मौके पर मौजूद पुलिस वालों ने हमलावर को घेरे में ले लिया। घटना में जो तीन लोग जख्मी हुए हैं। उनमें एक बच्ची लक्ष्मी है और दूसरा शख्स सिपाही लाल मोहम्मद है। सिपाही के पैर में गोली लगी है। तीसरा सिपाही भगदड़ में जख्मी हो गया है। बच्ची को इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर किया गया है।
पश्चिमी यूपी के खूंखार गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा को कुछ दिनों से लखनऊ जेल में ही रखा गया था। एक केस में पेशी के लिए उसे कोर्ट लाया गया था। मुख्तार और मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़े संजीव जीवा का नाम विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी सामने आया था। 1995 में बसपा मुखिया मायावती की जान बचाने वाले पूर्व मंत्री ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में भी जीवा शामिल था। 10 फरवरी 1997 को उसने द्विवेदी की हत्या कर दी थी। उस मामले में भी द्विवेदी के गनर बीके तिवारी की मौत हो गई थी। जिन ब्रहमदत्त द्विवेदी की हत्या जीवा ने की थी। उनका सियासी कद कितना बड़ा था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनकी अंतिम यात्रा में बीजेपी के दिग्गज नेता शामिल हुए थे। खुद अटल बिहारी बाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी भी थे।
अपराधियों ने एक बार फिर अतीक-अशरफ की हत्या की स्टाइल में कुख्यात गैंगस्टर संजीव जीवा की कोर्ट में हत्या कर काननू व्यवस्था को खुली चुनौती दी है। अतीक मर्डर केस की तरह यहां भी एक अपराधी दबोचा गया। अतीक की हत्या करने वाले अपराधी मीडियाकर्मी बनकर आए थे, जबकि संजीव जीवा के हत्यारे वकील के वेश में आए थे।
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