सिक्किम में आई भयानक बाढ़ जानलेवा साबित हो रही है और अब तक 14 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इतना ही नहीं सेना के 22 जवानों सहित 102 लोग अभी भी लापता हैं। सिक्किम बाढ़ की वजह से करीब 3000 पर्यटक भी फंसे हुए हैं। हालाता ऐसे हैं कि वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस भयानक आपदा से 20,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। सेना के लापता 23 जवानों में से 1 जवान को रेस्क्यू कर लिया गया है।
बुधवार दोपहर आए भयानक बाढ़ और बारिश की वजह से अभी भी अलग-अलग स्थानों पर 3000 से ज्यादा टूरिस्ट फंसे हैं। तीस्ता रीवर में आई बाढ़ में करीब 22 जवानों सहित 102 लोग लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स राज्य में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है लेकिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सिक्किम के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि आपदा में करीब 14 पुल बह गए हैं या क्षतिग्रस्त हुए है। सिक्किम को देश से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-10 को भी बाढ़ की वजह से नुकसान पहुंचा है। तीस्ता नदी के पास डाकचू, सिक्तम और रंगपो जैसे शहरों में पानी भर गया है।
सिक्किम के चीफ मिनिस्टर ने हालात का जायजा लिया है और प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। भारतीय सेना में मदद के लिए तीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं। नेशनल डिजास्टर मैनजमेंट अथॉरिटी ने प्राकृतिक आपदा के बारे में कार्रवाई शुरू की है। नेशनल रिमोट सेंसिंग तकनीक के माध्यम से इलाके की मॉनिटरिंग की जा रही है।
सिक्किम के चीफ सेक्रेटरी वीबी पाठक ने एजेंसी को बताया कि करीब 3000 पर्यटक राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए हैं। इस आपदा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के चीफ मिनिस्टर प्रेम सिंह तमंग से बातचीत की है और हर संभव मदद केंद्र की तरफ से देने का आश्वासन दिया है। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लापता हुए जवानों की सकुशल वापसी की प्रार्थना की है। सिक्किम सरकार ने इस डिजास्टर को प्राकृतिक आपदा करार दिया है।
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