मुरादाबाद के भगतपुर इलाके के बिलावाला गांव के रहने वाले छात्र मोहम्मद जैद ने राजस्थान के कोटा में खुदकुशी कर ली। वह कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था। जैद के पिता उस्मान मलिक खेती करते हैं। जैद दो साल से कोटा में था।
पापा इस बार परिवार के सपने पूरे करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। कोचिंग में मेरे टेस्ट भी बहुत अच्छे हुए हैं। तैयारी भी अच्छी चल रही है। मई में नीट की परीक्षा होगी। अभी चार महीने तैयारी करने का मौका है। पापा इस बार नीट क्लीयर हो जाएगा। परीक्षा होने तक घर भी कम ही आऊंगा। ये बातें कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्र मोहम्मद जैद ने दो दिन पहले अपने पिता से कही थीं। भगतपुर के बिलावाला निवासी उस्मान मलिक ने बताया कि वह किसान हैं। ठंड, बारिश और भीषण गर्मी में खेतों जाकर काम करना पड़ता है।
ये सब बेटों को न करना पड़े, इसलिए उन्हें पढ़ाई की पूरी छूट दी। जिस बेटे ने जहां तैयारी करने के लिए जाने की बात कही। उसे वहां भेजा। बड़ा बेटा राजा ठाकुरद्वारा में यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने जाता है। वह सुबह ही घर से निकल जाता और देर शाम तक लौटता है।
छोटे बेटे मोहम्मद जैद ने नीट की परीक्षा उत्तीर्ण कर डॉक्टर बनने का सपना संजोया था। परिवार, रिश्तेदारों को भी पूरा विश्वास था कि जैद एक दिन डॉक्टर बनेगा। उसने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की थी। दो साल पहले वह कोटा चला गया था। पहले प्रयास में वह नीट में सफल नहीं हो पाया था। लेकिन हमने उसे घर नहीं बुलाया। उससे कहा कि वह दोबारा प्रयास करे। बेटा पूरी मेहनत और लगन के साथ तैयारी में जुटा था। सोमवार को उसने फोन किया था। पिता उस्मान मलिक के मुताबिक बेटे ने कहा था कि पापा बहुत अच्छी तैयारी चल रही है। कोचिंग टेस्ट भी अच्छे जा रहे हैं। अभी में घर नहीं आऊंगा।
मई में होने वाली परीक्षा की तैयारी पूरी करनी है। इस बार परिवार और अपना सपना पूरा करना है। मैंने ने भी बेटे का हौसला बढ़ाया और कहा था कि बेटा घर की कोई चिंता मत करना। पूरी मेहनत से तैयारी करना। मोहम्मद जैद ने अपनी मां और भाई से भी फोन पर बात की थी। हॉस्टल में रहने वाले सहपाठी अनूप चौरसिया ने पुलिस को बताया कि मोहम्मद जैद अक्सर रात में पढ़ाई करता था। सुबह-शाम खाने के समय ही उससे बात होती थी। लेकिन मंगलवार सुबह खाने के वक्त मोहम्मद जैद नजर नहीं आया।
शाम को जब जैद को फोन किया तो बात नहीं हुई तब कमरे पर जाकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा खटखटाया लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला और न ही कोई हरकत हुई। काफी प्रयास करने के बाद जब खिड़की से अंदर देखा तो मोहम्मद जैद लटका हुआ था। सहपाठी अनूप चौरसिया ने बताया कि मोहम्मद जैद को पिछले दिनों डेंगू हो गया था। जिस कारण उसने कोचिंग जाना बंद कर दिया था और ऑनलाइन क्लास ले रहा था। उसने नोट की फोटो कॉपी करा ली थी। जिसकी तैयारी वह कर रहा था।
पिता उस्मान मलिक ने बताया कि जैद दो महीने पहले घर आया था। तब कुछ दिन ही यहां रुका था। उसने पिता से बोला कि पापा यहां रुकने से तैयारी नहीं हो पा रही है। क्लास भी छूट रही हैं। इसके बाद वह कोटा चला गया। पढ़ाई करने के बाद वह रोज घर पर बात करता था। मंगलवार को उसका फोन नहीं आया। हम लोगों ने भी सोचा कि कोचिंग क्लास में होगा।
मुरादाबाद के भगतपुर क्षेत्र के बिलावाला गांव निवासी छात्र मोहम्मद जैद (19) ने कोटा में आत्महत्या कर ली। वह नीट की तैयारी के लिए गया था। जैद के पिता उस्मान मलिक किसान हैं। उन्होंने बताया कि बेटा दो साल से कोटा में था। कोटा के डीएसपी भवानी सिंह के मुताबिक घटना मंगलवार रात की है। जैद जवाहर नगर थाना क्षेत्र के न्यू राजीव गांधी नगर इलाके के कंचन हॉस्टल में रहता था। मंगलवार सुबह से देर शाम तक उसने कमरे का दरवाजा नहीं खोला। इससे आसपास के छात्रों को आशंका हुई।
मंगलवार रात में छात्रों ने दरवाजा तोड़कर देखा तो जैद का शव फंदे से लटका था। हॉस्टल संचालक को सूचना देने के साथ जैद को अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। मंगलवार रात जानकारी मिलते ही जैद के पिता कोटा पहुंच गए। उन्होंने कहा कि बेटे को किसी तरह की परेशानी नहीं थी। समझ में नहीं आ रहा है कि उसने ऐसा कदम क्यों उठा लिया। उन्होंने बताया कि बड़ा बेटा राजा भी यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। वह गांव में ही रहता है। पुलिस ने बताया कि इस साल कोटा में छात्र की आत्महत्या करने का यह पहला मामला है। पिछले साल 28 कोचिंग छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या कर ली थी।
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