नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर आज भारत यात्रा पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि नेपाल भारत के खिलाफ किसी भी देश के साथ शामिल नहीं होगा, लेकिन चीन के बेल्ट ऐंड रोड प्रॉजेक्ट में उसकी भागीदारी अपने राष्ट्रहित को लेकर एक सोची-समझी रणनीति के तहत है।
पीएम बनने के बाद आप पहली बार भारत आ रहे हैं। भारत के साथ नेपाल का संबंध कितना महत्वपूर्ण है और विकास की तरफ आपके रास्ते में भारत के लिए क्या भूमिका है?
हमारे संबंध सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक भी हैं। हमारा दो-तिहाई विदेशी व्यापार भारत के साथ है। हमारी एफडीआई लिस्ट (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) में भारत शीर्ष स्थान पर है और उसी तरह भारतीय टूरिस्टों में नेपाल लोकप्रिय है। भारत हमारे प्रमुख विकास भागीदारों में से एक है। क्रॉस-बॉर्डर कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है और लोगों, सामान और सेवाओं की आसान गतिविधि के लिए हम इसे आगे और विकसित करने की सोच रहे हैं। द्विपक्षीय व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है, लेकिन भारत के साथ नेपाल का व्यापार घाटा (ट्रेड डेफिसिट) एक खतरनाक दर से बढ़ रहा है। यह स्थायी नहीं है। हमें मौजूदा व्यापार संधि की पूरी तरह से समीक्षा करने के लिए संरचनात्मक बाधाओं का तोड़ ढूंढना होगा, जो भारत को नेपाल के निर्यात में बाधा पहुंचाती हैं। हमें टैरिफ और नॉन-टैरिफ उपायों पर काम करने की जरूरत है। साथ ही कृषि और औद्योगिक उत्पादों जैसे प्रॉडक्ट्स पर भी काम करने की जरूरत है।
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