
यूनिक समय, नई दिल्ली। नेपाल और भारत की सीमा के पास सोमवार देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई और वे घबराकर घरों से बाहर निकल आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई, जिसका केंद्र तिब्बत में था।
नेपाल में भूकंप लगभग 10 किलोमीटर की गहराई पर आया, जो इसे अधिक प्रभावी और आफ्टरशॉक्स के लिए संवेदनशील बनाता है। इससे पहले तिब्बत में ही 3.7 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। भूकंप का असर भारत और भूटान के कई इलाकों में भी महसूस किया गया।
इसी तरह, हाल ही में पाकिस्तान में भी 4.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जिसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था।
भूगर्भीय विशेषज्ञ बताते हैं कि धरती की सात टेक्टोनिक प्लेट्स निरंतर गति में रहती हैं, और इनके आपसी टकराव या घर्षण के कारण भूकंप की घटनाएं होती हैं।
भारत का करीब 59% हिस्सा भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना गया है। वैज्ञानिकों ने देश को चार भूकंपीय जोनों — जोन-2 से लेकर जोन-5 में बांटा है, जिसमें जोन-5 सबसे अधिक जोखिम वाला क्षेत्र है। देश की राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती है, जहां 7 या उससे अधिक तीव्रता का भूकंप भी आ सकता है, जिससे गंभीर नुकसान की आशंका बनी रहती है।
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