केंद्र सरकार का नया फैसला, दिव्यांगजनों को सरकारी आवासों में मिलेगा 4% आरक्षण

दिव्यांगजनों

यूनिक समय, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के अधिकारों को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब केंद्र सरकार द्वारा आवंटित सरकारी आवासों में 4 प्रतिशत घर दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित किए जाएंगे। यह निर्णय न केवल सामाजिक समावेशिता को बढ़ावा देता है, बल्कि विकलांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर भी प्रदान करता है।

यह घोषणा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा की गई है और यह दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के तहत की गई सिफारिशों के अनुरूप है। संपदा निदेशालय ने इस आशय का एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि दिव्यांग व्यक्तियों को सरकारी आवासों की उपलब्धता में प्राथमिकता दी जाएगी। इससे समान अवसर, गरिमा और सुलभता की दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है।

इस सुविधा का लाभ वे केंद्र सरकार के कर्मचारी उठा सकते हैं जिनके पास न्यूनतम विकलांगता (Benchmark Disability) है, जिसकी परिभाषा RPWD एक्ट 2016 की धारा 2(r) में दी गई है। पात्र दिव्यांग आवेदकों को GPRA (जनरल पूल रेजिडेंशियल एकॉमोडेशन) के तहत पहली बार आवंटन या बदलाव के समय प्राथमिकता दी जाएगी।

आवेदन की प्रक्रिया

  • दिव्यांगजन eSampada पोर्टल के माध्यम से हर महीने होने वाली बोली प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं।
  • यह प्रक्रिया स्वचालित प्रणाली (Automated System of Allotment – ASA) के माध्यम से संचालित की जाएगी।
  • जिन आवेदकों ने पहले से पंजीकरण करवा रखा है, उन्हें अपने प्रोफाइल में “Unique Disability ID (UDID)” कार्ड अपलोड करना होगा।
  • संबंधित मंत्रालय या विभाग इस कार्ड को सत्यापित करेगा और फिर आवेदन संपदा निदेशालय को भेजा जाएगा।
  • आवेदकों को “PwD” श्रेणी में बोली लगानी होगी।

यह कदम दिव्यांगजनों को सरकारी सुविधाओं तक समान पहुंच प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव है, जो एक समावेशी और सुलभ भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।

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