नई दिल्ली। मोदी सरकार पुरानी गाड़ी, एयर कंडीशनर, वॉशिंग मशीन और फ्रिज को लेकर एक नई पॉलिसी लाने का प्लान कर रही है. सरकार अगले सप्ताह स्टील स्क्रैपेज पॉलिसी लाने जा रही है. बता दें कि इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है. इस पॉलिसी की खास बात यह है कि पहले स्टील स्क्रैपेज पॉलिसी सिर्फ गाड़ियों के लिए थी, लेकिन इस बार इसमें एसी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन को भी शामिल किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस पॉलिसी के तहत कई जगह स्क्रैपेज सेंटर बनाए जाएंगे. इन सेंटरों में जाकर लोग स्क्रैप बेच सकेंगे. इसमें सभी तरह के पुराने स्टील को शामिल किया जाएगा.
इस पॉलिसी को लाने का मकसद ये
खास बात यह है कि सरकार स्क्रैप बेचने पर इंसेंटिव देगी. इसका मतलब है कि जितना वैल्यू का स्क्रैप निकेलगा उसमें सरकार अलग से इंसेटिव देगी. इस पॉलिसी को लाने का मकसद है कि ज्यादा लोग स्क्रैप बेचने के लिए आगे आएं.
इकॉनोमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, कितनी राशि पर कितना इन्सेंटिव दिया जाए, इस पर विचार किया जा रहा है. जल्द ही इस पर सहमति बनने के बाद स्टील स्क्रैपेज पॉलिसी को सार्वजनिक किया जाएगा. इसको लागू होने में 10 दिन का समय लग सकता है.
इससे नई गाड़ियों की बिक्री बढ़ने का अंदेशा
इस पॉलिसी का यह फायदा होगा कि स्टील के पुराने स्क्रैपेज एक जगह जमा किए जा सकेंगे. इसके बाद उसकी रीसाइकिलिंग होगी. इसके अलावा, पुरानी गाड़ियां भी सड़कों से बाहर हो जाएंगी. लोग पुरानी गाड़ियां बेचकर नई गाड़ियां खरीदने के लिए आगे आएंगे, इससे नई गाड़ियों की बिक्री बढ़ सकती है. वैसे भी ऑटो कंपनियों ने नई गाड़ियों की कीमतें कम कर दी हैं.
स्टील सेक्टर को ये होगा फायदा
नई स्क्रैपेज पॉलिसी से स्टील के आयात को कम किया जा सकता है. सरकार स्टील स्क्रैप प्लांट खोलेगी जहां पुराने स्टील को फिर से इस्तेमाल के लायक बनाया जाएगा. भारत में साल में करीब 60 लाख टन स्टील स्क्रैप का आयात किया जाता है. देश में मांग इससे भी ज्यादा है. नई स्क्रैप पॉलिसी से सप्लाइ बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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