सुप्रीम कोर्ट ने कन्नड़ न्यूज चैनल पावर टीवी के प्रसारण पर लगी रोक को हटा दिया है। चैनल के प्रसारण पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चैनल ने जेडीएस नेताओं से जुड़े मामले की रिपोर्टिंग की थी, इसके बाद उसके प्रसारण को रोकना राजनीतिक बदला लेने जैसा है। कन्नड़ न्यूज चैनल पावर टीवी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने के कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेडीएस नेताओं से जुड़े कथित सेक्स स्कैंडल को लेकर चैनल द्वारा की गई व्यापक रिपोर्टिंग के बाद उसका प्रसारण रोकना राजनीतिक प्रतिशोध लगता है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कन्नड़ न्यूज चैनल पावर टीवी का प्रसारण रोकना ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ लगता है। चैनल ने जेडीएस नेताओं से जुड़े कथित सेक्स स्कैंडल को लेकर विस्तार से रिपोर्टिंग की थी। इसके बाद कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक आदेश जारी किया था जिससे चैनल का संचालन लगभग बंद हो गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसी आदेश पर रोक लगाई है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, ‘हमें बोलने की आजादी के अधिकार की पूरे जोश के साथ रक्षा करनी चाहिए। इस मामले में जितना अधिक हम दलीलें सुनते हैं,
हमारा यही मानना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध है। चैनल ने सेक्स स्कैंडल को बड़े पैमाने पर कवर किया, इसलिए इसे ब्लॉक कर दिया गया। यह सरासर राजनीतिक प्रतिशोध है।’सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई की टिप्पणी का विरोध करते हुए कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कुछ ऐसा कहा है जो रिकॉर्ड से उचित नहीं हो सकता है। चैनल को कारण बताओ नोटिस 9 फरवरी को जारी किया गया था क्योंकि यह पाया गया था कि अपलिंक और डाउनलिंक अनुमतियों के लिए लाइसेंस चैनल द्वारा सबलेट किया गया है। गृह मंत्रालय की स्पष्ट अनुमति के बिना अपलिंक और डाउनलिंक अनुमतियों को सबलेट नहीं किया जा सकता है
क्योंकि इसका दुरुपयोग देश के लिए हानिकारक हो सकता है।’ सुप्रीम कोर्ट की यह टिप्पणी तब आई जब उसे पता चला कि हाई कोर्ट में चैनल के खिलाफ रिट याचिकाएं जेडीएस के दो पदाधिकारियों ने दायर की थीं। एसजी के विरोध के बाद, पीठ ने हाई कोर्ट के आदेश पर सोमवार तक रोक लगा दी और कहा, ‘हमें राजनीति से कोई सरोकार नहीं है। हम कानून के अनुसार ही कड़ाई से आगे बढ़ेंगे।’ टीवी चैनल की ओर से पेश हुए सीनियर वकील रंजीत कुमार ने कहा कि हाई कोर्ट के पास चैनल द्वारा समाचारों और अन्य कार्यक्रमों के प्रसारण को निलंबित करने का कोई आधार नहीं था।
उन्होंने कहा कि चैनल द्वारा कथित तौर पर प्रज्वल और सूरज रेवन्ना से जुड़े सेक्स स्कैंडल को बड़े पैमाने पर दिखाए जाने के बाद याचिकाकर्ता हाई कोर्ट का दरवाजा पहुंचे थे। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ताओं, चैनल और केंद्र के वकील की दलीलें सुनीं और पावर टीवी को प्रसारण बंद करने का आदेश दिया। चैनल ने समाचार प्रसारण बंद कर दिया और ‘सत्यमेव जयते’ संदेश के साथ एक खाली स्क्रीन प्रसारित करना शुरू कर दिया।
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