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मथुरा। उन्नीस साल पहले सुरीर के गांव भालई में युवक की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट ने दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस वारदात में शामिल मुख्य अभियुक्त सहित तीन लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है। न्यायालय ने सजा पाए दो अभियुक्तों को जेल भेज दिया है। सुरीर कोतवाली क्षेत्र के गांव भालई निवासी तेजप्रकाश पुत्र मनोहर लाल 2 जनवरी सन 2000 को गांव के ही अपने साथी चरन सिंह लोहई के साथ पैंठ करके घर लौट रहे थे। रास्ते में लोहई और भालई के बीच नहर के पास गांव के प्रकाश पुत्र दीपा, सोरन पुत्र लालाराम, भोली पुत्र घन्सू तथा जुल्ला पुत्र डोरी, राजू उर्फ राजेन्द्र पुत्र कन्हैया मिले। प्रकाश से कुछ दिन पूर्व तेज प्रकाश की उधारी के पैसों को लेकर कहासुनी हो गई थी। इस रंजिश को लेकर प्रकाश ने सबके साथ मिलकर घेर लिया। प्रकाश ने तमंचे से तेजप्रकाश पर गोली चलाई। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई । इस वारदात की मृतक तेज प्रकाश के बाबा खयालीराम ने थाना सुरीर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट डा. बब्बू सारंग ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए अभियुक्त जुल्ला और राजू उर्फ राजेन्द्र को आजीवन कारावास तथा दस-दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जबकि मुख्य अभियुक्त प्रकाश सहित भोली और सोरन की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। एडीजीसी क्राइम गोवर्धन सिंह यादव ने बताया कि दोनों अभियुक्तों को निर्णय के बाद जेल भेज दिया गया। तीन अभियुक्तों की पहले ही मौत हो चुकी है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्तों को दो-दो माह के अतिरिक्त कारावास की सजा मिलेगी।
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