नई दिल्ली। अगर आप भी कॉफी के शौकीन हैं, तो खुश हो जाइए। एक ताजा शोध के मुताबिक, कॉफी पीना दिल के लिए उतना घातक नहीं है, जितना अब तक माना जाता था। पहले के अध्ययनों में बताया गया था कि ज्यादा कॉफी पीने से धमनियां सख्त हो जाती हैं। ऑक्सीजन व अन्य पोषक तत्वों के साथ खून को दिल से शरीर के बाकी हिस्से तक पहुंचाना धमनियों का काम होता है। धमनियों के सख्त होने से दिल पर दबाव बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में दिल का दौरा पड़ने या स्ट्रोक का खतरा रहता है। ब्रिटेन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने 8,000 से ज्यादा लोगों पर शोध के बाद पाया कि कॉफी से धमनियां सख्त नहीं होती हैं। अध्ययन के मुताबिक, रोजाना 25 कप तक कॉफी पीने वालों की धमनियों में भी कोई अतिरिक्त सख्ती नहीं पाई गई। शोधकर्ता केनेथ फंग ने कहा, ‘धमनियों के लिए कॉफी उतनी बुरी नहीं है, जितना कहा जाता है।’
कॉफी पीने के भी कई फायदे
कॉफी पीने से कई तरह के कैंसर, डायबिटीज, लीवर संबंधी रोग और डिमेंशिया का खतरा कम होने के साथ उम्र भी बढ़ती है। कुल मिलाकर कॉफी सेहत को नुकसान से ज्यादा फायदा पहुंचाती है। वैज्ञानिकों ने 201 अन्य शोधों और चिकित्सकीय जांच के 17 मामलों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है।
पॉलीफिनोल क्या है
पॉलीफिनोल एक सूक्ष्म पोषक तत्व है जो हमें कुछ पौधे और खाद्य पदार्थों से मिलता है। कहा जाता है कि पॉलीफेनोल पाचन समस्याओं, वजन, मधुमेह, न्यूरोडेनेरेटिव बीमारी और हृदय रोगों के उपचार में सुधार या मदद कर सकता है।
तनाव को करती है दूर
तनाव और काम की अधिकता के कारण मूड बिगड़ना आम बात है। कॉफी के सेवन से तनाव दूर होता है। एक शोध में यह बात भी सामने आयी कि रात में कॉफी पीने से अच्छी नींद आती है जिससे तनाव से बचने में आसानी होती है। कॉफी पीकर आप अपने बिगड़े मूड को ठीक कर सकते हैं। कॉफी में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो आपके मूड को ठीक करने में मदद करते हैं। यह शरीर को ऊर्जावान भी बनाता है जिससे दोबारा काम करने की क्षमता भी बढ़ जाती है।
दिल के लिए
दिल के मरीजों के लिए अच्छी खबर यह है कि वैज्ञानिकों को एक बड़ा सफलता हाथ लगी है। उन्होंने कॉफी और कोको में पाए जाने वाले ऐसे कंपाउंड को खोज निकाला है, जिससे हृदय रोग के खतरे को कम किया जा सकता है। कॉफी का सेवन करने से दिल भी मजबूत होता है। अगर आप रोज 200 से 300 ग्राम कैफीन का सेवन करते हैं उनके शरीर में रक्त संचार अच्छे से होता है। रक्त संचार ठीक से होने से दिल मजबूत रहता है।
लिवर में फैट को कम करता है कॉफी
कॉफी में 1000 तत्व होते हैं, जिसमें कैफीन, डिटरफेनोइक अल्कोहल, पोटेशियम, एंटीऑक्सिडेंट क्लोरोजेनिक एसिड आदि शामिल हैं। कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट लिवर में फैट को कम करता है। चूहों पर इसका अध्ययन भी हुआ है। शराब नहीं पीने के बावजूद फैटी लिवर की बीमारी से ग्रस्त मरीजों को भी कॉफी पीने से फायदा होता है।
अस्थमा-पार्किंसंस में है लाभदायक
अस्थमा जैसी सांसों की बीमारी के होने पर कॉफी का सेवन करने से फायदा होता है। क्योंकि कॉफी में पाई जाने वाली कैफीन और थियोफायलीन नाम की दवाइयां अस्थमा से ग्रस्त मरीजों को सांस ठीक से लेने में मदद करती हैं।
खुश रखने के साथ दिमागी क्षमता भी बढ़ाएं
नेचर नूरोसाइंस नामक पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कॉफी के सेवन से दिमागी क्षमता भी बढ़ जाती है साथ ही यह आपकी याद्दाश्त बढ़ाने में भी सहायक है। दिमाग पर कॉफी का असर पीने के 24 घंटे तक रहता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा किये गये शोध के अनुसार, कॉफी का सेवन करने वाले लोग अन्य लोगों की तुलना में अधिक खुश रहते हैं। इस शोध के अनुसार जो लोग नियमित रूप से 4 कप या अधिक कॉफी पीते हैं वे अन्य लोगों की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक खुश रहते हैं। कैफीन तनाव दूर कर खुश रखने में मदद करता है।
ब्लैक कॉफी भी है फायदेमंद
ब्लैक कॉफी को हमेशा हेल्दी माना जाता है। इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है और इसमें कैल्शियम और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। मधुमेह के रोगी ब्लैक कॉफ़ी वो भी शकर के बगैर पी सकते हैं, यह उनके शुगर को नियंत्रण में करती है। इसी तरह अगर आप वजन कम करना चाहती है तो दिन में दो कप ब्लैक कॉफ़ी शकर के बगैर पीयें इससे आपके शरीर को ऊर्जा मिलेगी और जिम में आप आसानी से वर्कआउट कर पाएंगे। ब्लैक कॉफ़ी में 60 प्रतिशत पोषक तत्व, 20 प्रतिशत विटामिन, 10 प्रतिशत कैलोरी, 10 प्रतिशत मिनरल्स पाये जाते हैं, जो शरीर को ताकत प्रदान करते हैं।
फायदों के साथ नुकसान का भी रखें ध्यान
हर चीज का फायदा और नुकसान होता है और किसी चीज की अति अच्छी नहीं होती। इसीलिए इस बात का ध्यान रखें कि अत्याधिक रूप से कॉफी का सेवन न करें अन्यथा बेचैनी, घबराहट, पेट खराब होना जैसी समस्या हो सकती है। एक दिन में 3 कप कॉफी से ज्यादा न पियें। कैफीन का ज्यादा सेवन करने से शरीर की नसें भी कमजोर हो जाती हैं। इसके अलावा निराशा और अवसाद भी मस्तिष्क में जगह बना लेता है।
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