चंडीगढ़। चुनाव आयोग ने बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को अब पंजाब में वोटिंग आइकॉन की नियुक्ति वापस ले ली है। अब सोनू सूद पंजाब में वोटिंग आइकॉन नहीं रहे। सोनू को वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य का वोटिंग आइकॉन बनाया गया था। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू ने बताया कि चुनाव आयोग ने 4 जनवरी 2022 को पंजाब के राज्य आइकॉन के रूप में सोनू सूद की नियुक्ति वापस ले ली है।
चुनाव आयोग के इस फैसले पर सोनू सूद ने ट्वीट किया और लिखा सभी अच्छी चीजों की तरह यह यात्रा भी समाप्त हो गई है। मैंने स्वेच्छा से पंजाब के स्टेट आइकॉन का पद छोड़ दिया है। ये निर्णय मेरे और चुनाव आयोग ने पारस्परिक रूप से लिया है, क्योंकि मेरे परिवार का सदस्य पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ रहा है। मैं उन्हें भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। बता दें कि सोनू सूद ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि उनकी बहन मालविका सूद राजनीति में आ रही हैं और मोगा से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी, लेकिन उनकी खुद की राजनीति में आने की कोई योजना नहीं है।
सूद ने कहा था- ‘बहन मालविका चुनाव लड़ने तैयार हैं। लोगों की सेवा करने की उनकी प्रतिबद्धता बेमिसाल है।’ उन्होंने बताया कि राजनीतिक दल में शामिल होना जीवन का बहुत बड़ा फैसला है। इसका सबसे ज्यादा लेना-देना विचारधारा से है। यदाकदा होने वाली मुलाकातों से नहीं है। मालविका ने कांग्रेस पार्टी के साथ प्रचार अभियान में हिस्सा लेना शुरू कर दिया है। सोनू आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के भी करीबी हैं। हाल ही में उन्होंने चंडीगढ़ में पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात की थी।
सोनू सूद ने कोरोनावायरस महामारी में पहली और दूसरी लहर के दौरान आम जनता की काफी मदद की थी। वे अब भी लोगों तक मदद पहुंचाते हैं। सूद मूल रूप से पंजाब के मोगा जिले के हैं और प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने में मदद करने की वजह से चर्चा में आए थे। उन्होंने लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हुए और जगह-जगह फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए परिवहन की व्यवस्था की थी। उनके कार्यों की समाज के सभी वर्गों ने प्रशंसा की थी।
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