लखनऊ। नगर विकास विभाग हाउस टैक्स वसूली में मनमानी रोकने जा रहा है। नगर निगम नई कालोनियों में पहले विकास कराएंगे फिर हाउस टैक्स की वसूली कर पाएंगे। इसके लिए उन्हें अधिकतम पांच साल का समय दिया जाएगा।
खूब चल रही मनमानी: बड़े शहरों में हाउस टैक्स वसूली में मनमानी की शिकायतें नगर विकास विभाग को लगातार मिल रही हैं। नगर निगम अधिनियम के मुताबिक शहरों में बनने वाली नई कालोनियों से हाउस टैक्स की वसूली से पहले मूलभूत सुविधाएं दी जानी चाहिए। नगर निगम इसे दिए बिना ही हाउस टैक्स की वसूली शुरू कर देते हैं। नगर विकास विभाग इसीलिए नगर आयुक्तों को यह निर्देश देने जा रहा है कि नई कालोनियों में पहले सुविधा दें।
नई कालोनियां होंगी चिह्नित: प्रदेश के बड़े शहरों का दायरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसमें मकानों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। विभाग चाहता है कि इन नई कालोनियों का पहले भौगोलिक सूचना प्रणाली मैप तैयार करा लिया जाए। इसके आधार पर मौके पर जाकर स्थलीय सत्यापन करा लिया जाए। शहरी में बनी कालोनियों में अगर पूर्व से विकास हो चुके हैं तो बिजली का कनेक्शन लगाने की तिथि से ही हाउस टैक्स की वसूली की जाए। नगर विकास विभाग ने उत्तर प्रदेश नगर पालिका वित्तीय संसाधन विकास बोर्ड से हाउस टैक्स न देने वाले निकायों को चिह्नित करने को कहा है। बोर्ड से इन निकायों से हाउस टैक्स वसूली के लिए आसान तरीका सुझाने को भी कहा है। प्रदेश में मौजूदा समय 42 निकाय ऐसे हैं जहां हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो रही है।
ये कराना होगा विकास
- सड़क के साथ नाली या टाइल्स के साथ नाली बनाना जरूरी होगा
- क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए पाइप लाइन बिछाते हुए कनेक्शन देना होगा
- स्ट्रीट लाइट लगवाने की व्यवस्था करानी होगी
- सफाई कराने के साथ कूड़ा उठाने की व्यवस्था करानी होगी
- पांच साल के अंदर ये सभी काम कराने जरूरी होंगे
मकान मालिक दर्ज करा सकेगा आपत्ति
बिना विकास के हाउस टैक्स लेने पर लोग नगर आयुक्त से लिखित शिकायत कर सकेंगे.
नगर आयुक्त से शिकायत की सुनवाई न होने पर प्रमुख सचिव नगर विकास को लिखित शिकायत भेज सकेंगे
नई कालोनियों में पांच साल में विकास कराते हुए हाउस टैक्स वसूली की व्यवस्था है। इसलिए किसी को मनमानी का अधिकार नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा जहां वसूली नहीं हो रही है वहां तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। .
मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव, नगर विकास
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