बिजनेस डेस्क। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों की जागरूकता बढ़ती जा रही है। सरकार भी इन वाहनों को बढ़ावा दे रही है, क्योंकि ये इको-फ्रेंडली तो हैं ही, साथ ही काफी किफायती भी हैं। आज रोज ही पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के चलते लोगों के खर्चे बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन उनके लिए बेहतर ऑप्शन साबित हो रहे हैं। बता दें कि नेशनल ऑटोमोटिव बोर्ड के मुताबिक, देश में इस समय कुल 50, 577 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। इनमें हर तरह के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के इस्तेमाल से रोज 43,316 लीटर पेट्रोल और डीजल की बचत हो रही है। वहीं, अब तक 1 करोड़ 44 लाख 12 हजार 700 लीटर पेट्रोल और डीजल की बचत हुई है।
लोगों को हुई 1 अरब रुपए से ज्यादा की बचत
नेशनल ऑटोमोटिव बोर्ड के मुताबिक, इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से पेट्रोल-डीजल के रोज 3.5 लाख रुपए बच रहे हैं। अगर पेट्रोल-डीजल की प्रति लीटर औसत कीमत 80 रुपए भी मान ली जाए तो इस लिहाज से रोज 3 लाख, 46 हजार, 5280 रुपए की बचत हो रही है। अब तक कुल 50577 इलेक्ट्रिक वाहनों से 1 अरब 44 लाख 12 हजार 700 रुपए की बचत हो चुकी है। बता दें कि लोगों का झुकाव इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ बढ़ता ही जा रहा है। वहीं, सरकार भी इन वाहनों की खरीद पर जीएसटी, रजिस्ट्रेशन और दूसरे चार्ज में छूट दे रही है।
पर्यावरण के लिहाज से है बेहतर
इलेक्ट्रिक वाहन पर्यावरण के लिहाज से बेहतर होते हैं, क्योंकि पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल नहीं होने से इनसे कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है। यह इको-फ्रेंडली है और पर्यावरण को इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो सकता है। नेशनल ऑटोमोटिव बोर्ड के मुताबिक, इन इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल से रोज करीब 99 हजार किलो कार्बन डायऑक्साइड (Co2) के उत्सर्जन को रोका जा रहा है। वहीं, अब तक 3 करोड़ 28 लाख किलो से ज्यादा Co2 उत्सर्जन रुका है। इससे जाहिर है कि पर्यावरण को इससे सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।
कर्नाटक है सबसे आगे
इलेक्ट्रिक वाहनों के भारत में कर्नाटक सबसे आगे है। राज्य में सबसे ज्यादा 12,512 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स हैं। इनमें 12 हजार टू व्हीलर, 387 कारें और 250 के करीब थ्री व्हीलर हैं। इसके बाद तमिलनाडु का स्थान है, जहां कुल 7266 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। तीसरे नंबर महाराष्ट्र है। महाराष्ट्र में 5911 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। चौथे स्थान पर उत्तर प्रदेश है, जहां 4124 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। पांचवें नंबर पर दिल्ली है। दिल्ली में फिलहाल 3808 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक भारत में करीब 30 प्रतिशत आबादी तक इलेक्ट्रिक वाहन पहुंचाने का है।
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