तेजी से बढ़ती इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या

हाल ही में मैकेंजी ग्लोबल इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ‘डिजिटल इंडियाः टेक्नोलॉजी टू ट्रांसफॉर्म ए कनेक्टेड नेशन’ में यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि भारत डिजिटलीकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। भारत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या करीब 56 करोड़ हो गई है और इस परिप्रेक्ष्य में दुनिया में वह अब चीन के बाद दूसरे स्थान पर आ चुका है। वर्ष 2018 में भारत के स्मार्टफोन धारकों ने 12.3 अरब ऐप डाउनलोड किए थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में इंटरनेट डेटा की लागत वर्ष 2013 के बाद से 95 फीसदी कम हो चुकी है, जबकि फिक्स्ड लाइन पर डाउनलोड की रफ्तार चौगुनी हो चुकी है।

इसके कारण प्रति व्यक्ति मोबाइल डेटा उपभोग सालाना 152 फीसदी बढ़ चुका है। खासतौर से आधार, जियो, जनधन और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कारण भारत तेजी से डिजिटल हुआ है। जीएसटी लागू होने के बाद 1.03 करोड़ औद्योगिक एवं कारोबारी इकाइयां कर-भुगतान के लिए डिजिटल माध्यम का उपयोग कर रही हैं। छोटे गांवों में रहने वाले बेहद सामान्य लोग भी अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जाकर खबरें देखते हैं, दोस्तों से बात करते हैं, पैसों का लेनदेन करते हैं और खरीदारी करते हैं।

मैकेंजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था में वर्ष 2025 तक छह से साढ़े छह करोड़ रोजगार अवसर पैदा होंगे, वहीं इसकी वजह से संकट में आई करीब चार से साढ़े चार करोड़ परंपरागत नौकरियां समाप्त हो जाएंगी। लेकिन डिजिटलीकरण से करीब दो करोड़ से अधिक नई नौकरियां निर्मित होंगी। इसमें कोई दोमत नहीं कि दुनियाभर में ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के चलते कई क्षेत्रों में रोजगार तेजी से खत्म हो रहे हैं। वहीं कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां रोजगार की भरमार आने वाली है। डिजिटल मार्केटिंग ऐसा ही क्षेत्र है, जिसमें इंटरनेट, मोबाइल फोन तथा गेम कंसोल जैसे डिजिटल माध्यम के जरिये विभिन्न उत्पादों के प्रचार से है।

इंटरनेट तक लोगों की पहुंच बढ़ने से पारंपरिक विपणन माध्यम अपनी चमक खो रहे हैं। अधिकांश समय लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इंटरनेट से जुड़े रहते हैं। इसलिए विक्रेताओं का इस माध्यम के जरिये उनके साथ जुड़ना सही भी है। डिजिटल मार्केटिंग का खर्च वर्ष-प्रतिवर्ष बढ़ता जा रहा है। व्यापारी इस बात को भलीभांति समझने लगे हैं कि डिजिटल मार्केटिंग उनके लिए कितनी लाभप्रद है।गौरतलब है कि डिजिटल मार्केटिंग उत्पाद को जारी करने, प्रचार, बिक्रीय ब्रांड छवि बनाना, जन संपर्क या उपभोक्ता सेवा जैसी अपेक्षा रखने वाली कंपनियों के लिए उपयोगी है। इसके लचीलेपन, सहुलियत और किफायती दर में उपलब्ध होने से यह बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है। इसकी नई, आकर्षक और रचनात्मक विशेषताएं कंपनियों को वर्तमान उपभोक्ताओं तक पहुंचने और नए बाजार तलाशने में मदद करती है। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं कि इस अनूठी तकनीक को नहीं अपनाने पर कंपनियों को कारोबार में नुकसान उठाना पड़ सकता है।

मैकेंजी ग्लोबल की इस रिपोर्ट का यह संदेश एकदम साफ है कि डिजिटलीकरण की संभावनाएं अगर अपरिहार्य नहीं, तो इतनी अधिक लाभप्रद हैं कि इस नई हकीकत के मुताबिक हर क्षेत्र में प्रगति करने और हर क्षेत्र में अच्छे रोजगार के लिए डिजिटल की दुनिया को अपनाना होगा। जो कोई ऐसा नहीं करेगा, वह पीछे छूट जाएगा। नई पीढ़ी को जहां खुद को डिजिटल दुनिया के लिए तैयार होना है, वहीं डिजिटल अर्थव्यवस्था की बुराइयों से उद्योग-कारोबार और उपभोक्ताओं को बचाने की रणनीतिक पहल भी जरूरी है।

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