यूनिक समय, मथुरा। नेशनल चैम्बर आॅफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज एसोसियेशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल बृजवासी की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी पुलकित खरे को दिए ज्ञापन में मथुरा-वृंदावन रेल मार्ग के प्रोजेक्ट पर आपत्ति जाहिर की है। ज्ञापन में तीर्थ यात्रियों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए जनता के हित में वास्तविक परीक्षण कराकर निर्णय लेने लेने का आग्रह किया गया है।
उद्यमियों ने मथुरा-वृंदावन रेल मार्ग के प्रोजेक्ट पर आपत्ति जाहिर की -Mathura rail route
गौरतलब है कि नेशनल चैम्बर आॅफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज एसोसियेशन के तत्वावधान में बुधवार को नगर के सभी प्रमुख व्यापारिक एवं नागरिक संगठनों की हुई बैठक में रेल जनशक्ति योजना के डिप्टी चीफ इंजीनियर होतम सिंह ने डिजीटल माध्यम से योजना का प्रस्तुतिकरण कर अनेक बिन्दुओं पर चर्चा की। चैंबर के पदाधिकारियों ने कई बिंदुओं पर आपत्तियाँ उठाई।
प्रारम्भ में यह बताया गया कि इस मथुरा-वृंदावन रेल ट्रैक का निर्माण पिलरबेस एलीवेटेड ट्रैक पर होगा और भूतल पर सड़क का विकास किया जायेगा, जिससे मथुरा-वृन्दावन की बिगड़ती यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। लेकिन यह कि संज्ञान में आया कि पिलरबेस एलीवेटेड ट्रैक की लागत लगभग 750 करोड़ रुपया आ रही थी, जिसके लिये केन्द्रीय कैबिनेट से स्वीकृति लेनी पड़ती जबकि रेलवे बोर्ड की पावर 500 करोड़ रुपया तक है। फिर इस योजना की राशि को घटाकर 450 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार कर दिया गया।
मथुरा-वृंदावन रेल मार्ग के प्रोजेक्ट से कई समस्याऐ होंगी उतपन्न- Mathura rail route
संज्ञान में आया कि पिलरबेस एलीवेटेड ट्रैक के स्थान पर भूमि से लगभग 6 मीटर ऊँची एलीवेटेड वॉल बनाकर एवं मिट्टी भरकर रेल ट्रैक बनाया जा रहा है जो कि लगभग 6.5 किलोमीटर लम्बा है एवं नगर की आबादी क्षेत्र से निकलेगा। इसके मध्य अनेक अण्डर पास का निर्माण किया जायेगा जो नगर में गम्भीर जल प्लावन की स्थिति पैदा करेंगे। वर्तमान में नये और पुराने बस स्टैण्ड व भूतेश्वर अण्डर पास में थोड़ी सी बारिश होने पर नगर की यातायात व्यवस्था भंग हो जाती है। प्रशासन द्वारा अनेक प्रयास करने के बावजूद कोई सफलता नहीं मिली है। संज्ञान में यह भी आया कि 20 फीट ऊंची दीवार खड़ी करने से रेलवे लाइन के दोनों ओर बने मकानों की वायु एवं प्रकाश अवरुद्ध हो जायेगा जो कि पर्यावरण की दृष्टि से भी उपयुक्त नहीं है। ज्ञापन में बताया कि रेलवे के इस 450 करोड़ रुपये के व्यय से न तो कोई जनता को लाभ मिलने वाला है और न ही रेलवे को व्यापारिक लाभ मिलने वाला है।
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ज्ञापन देने वाले में शामिल उद्यमी देवेंद्र चौधरी, रामप्रकाश प्रेस वाले, राजेश बजाज, प्रहलाद खंडेलवाल, राजेंद्र हाथी वाले, विपिन सिंघल एवं नीरव निमेष आदि शामिल थे।
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