सरकार ने रविवार को वाहन फिटनेस परीक्षण और स्वचालित परीक्षण स्टेशनों के लिए कुछ संशोधनों का प्रस्ताव दिया है, जिसके तहत अप्रैल 2023 से चरणबद्ध तरीके से एटीएस के जरिेए वाहनों के फिटनेस टेस्टिंग को जरुरी किए जाने की प्लानिंग है। फिटनेस का प्रस्ताव के लिए एक मसौदा पेश किया गया है । 1 अप्रैल 2023 से अनिवार्य रूप से एक एटीएस के जरिए भारी माल वाहनों और भारी यात्री मोटर वाहनों के लिए टेस्टिंग जरुरी होगी । वहीं मंझौले माल वाहनों और मध्यम यात्री मोटर वाहनों और हल्के मोटर वाहनों (परिवहन) के मामले में इसे 1 जून 2024 से अनिवार्य कर दी जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय यानि ने एक बयान में कहा कि उसने “स्वचालित परीक्षण स्टेशनों (ATS) की मान्यता, विनियमन और नियंत्रण के नियमों में कुछ संशोधन लाने के लिए 25 मार्च 2022 को एक मसौदा अधिसूचना जारी की है।
इन स्टेशनों की स्थापना के लिए पात्रता मानदंड, उपकरण से सर्वर तक परीक्षण के रिजल्ट का ऑटो रिले, एक राज्य में रजिस्टडर्ड वाहनों को दूसरे राज्य में टेस्टिंग के लिए कैपेबल होना, एक वाहन की लाइफ पूरी हो जाने के पैमाने को घोषित करने के लिए मानदंड निर्धारित करना।
एक एटीएस वाहन की फिटनेस की जांच के लिए जरुरी परीक्षणों को स्वचालित करने के लिए यांत्रिक उपकरणों का इस्तेमाल करता है। मसौदा अधिसूचना में इलेक्ट्रिक वाहनों के परीक्षण के लिए कुछ नए उपकरणों को जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। सरकार का दावा है कि यह परीक्षण के परिणामों के फार्मेट को करेगा और व्यापार करने में आसानी होगी।
2021 में, MoRTH ने कहा था कि विशेष प्रयोजन वाहनों , राज्य सरकारों, कंपनियों, संघों और व्यक्तियों को निजी और परिवहन वाले वाहनों की फिटनेस की टेस्टिंग के लिए ATS खोलने की अनुमति दी जा सकती है। इसे पिछले साल अगस्त में नेशनल व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी से अटैच किया जाएगा। इस पॉलिसी के बारे में कहा जाता है कि यह खराब हो चुके वाहन और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में मदद करती है और एक नए बाजार को खड़ा करने में भी मदद करती है।
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