
यूनिक समय, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है, जो पांच मार्च तक चलेगा। इस सत्र के पहले दिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी पार्टियों पर जमकर प्रहार किया। सदन की कार्यवाही के दौरान हिंदी, अवधी और भोजपुरी भाषाओं को शामिल किए जाने पर विपक्ष ने आपत्ति जताई, जिसे लेकर सीएम योगी ने तीखा बयान दिया।
योगी ने समाजवादी दलों के दोहरे रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा, “समाजवादी अपने बच्चों को अंग्रेजी पब्लिक स्कूल में भेजेंगे, लेकिन दूसरे बच्चों को गांव के स्कूलों में पढ़ने की सलाह देंगे। वहीं, अपनी संतान को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाएंगे और दूसरों से उर्दू या कठमुल्ला, मौलवी बनाने की उम्मीद करेंगे। यह नहीं चलने वाला। यह उनकी मानसिकता की झलक है।”
सीएम ने आगे कहा कि उनकी सरकार विभिन्न बोलियों को सम्मान दे रही है, जो हिंदी की उपभाषाएं हैं। अवधी, भोजपुरी, ब्रज, और बुंदेली बोलियों को सदन की कार्यवाही में जगह मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने इन बोलियों के लिए अकादमियां बनाई हैं, और यह भारत के प्रवासी समुदायों, जैसे मॉरीशस और फिजी में रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं।” सीएम ने विपक्ष के विरोध को नकारते हुए कहा, “यह सदन समाज के विभिन्न तबकों और वर्गों के प्रतिनिधियों का है, और अगर कोई सदस्य हिंदी में असमर्थ है, तो वह अपनी बोली में बात कर सकता है। हम इन बोलियों को संसद में सम्मान देने के पक्ष में हैं, और हम इसका समर्थन करते हैं।”
सीएम योगी का यह बयान राजनीति और समाज के विभिन्न हिस्सों के बीच भाषा, शिक्षा और संस्कृति को लेकर जारी बहस को और तेज़ कर सकता है।
Leave a Reply