आपने बड़े मन से अपना विधायक चुना था। उम्मीद थी कि आपकी समस्याओं को सड़क से विधानसभा तक नेताजी उठाएंगे, मगर पांच वष्र पहले बीते और छह माह नई सरकार के भी हो गए, मगर आपके कई विधायकों ने सदन में एक शब्द भी नहीं बोला। ऐसे में यूपी विधानसभा में ऐसे विधायक जिन्होंने अभी तक चुप्पी साध रखी है। उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा। बताया जा रहा है कि ऐसे करीब 100 से अधिक विधायक हैं जिन्हें सदन में या तो बोलने का अवसर ही नहीं मिला और न ही उन्होंने प्रयास किया।
महिला विधायकों के लिए एक दिन का विशेष सत्र आयोजित कर इतिहास रचने वाले यूपी विधानमंडल में एक और नई पहल होने जा रही है। ऐसे विधायक जिन्होंने 18वीं विधानसभा के बजट सत्र से लेकर मानसून सत्र तक चुप्पी साधे रखी, उनकी चुप्पी तोड़ने के लिए विधानसभा में एक विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने ऐसे सभी विधायकों का ब्योरा मांगा है जो दोनों सत्रों में एक बार भी अपनी बात नहीं रख सके हैं। ऐसे विधायकों के लिए शीतकालीन सत्र में एक विशेष सत्र रखा जाएगा। विधानसभा के सूत्रों के मुताबिक सत्ता पक्ष व विपक्ष के 100 से अधिक ऐसे विधायक हैं जिन्हें सदन में या तो बोलने का अवसर नहीं मिला या उन्होंने प्रयास ही नहीं किया। महाना का कहना है कि ऐसे विधायकों को अवसर देने के लिए ही नई पहल की जा रही है।
मथुरा के पांच विधायकों में से एकाध को छोड़ दें तो अधिकांश की आवाज केवल प्रेसवार्ताओं में ही सुनाई देती है। सरकार में जनता की आवाज गूंजी हो, ऐसा कम ही देखने को मिला है। लेकिन विशेष सत्र में नेताजी क्या बोलेंगे, काबिलेगौर होगा।
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