नई दिल्ली। एक नमक जो भारत में सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे पवित्र नमक माना जाता है. जिसका इस्तेमाल व्रत-त्योहारों में काफी ज्यादा होता है, उस पर पाकिस्तान विवाद खड़ा करने की कोशिश कर रहा है. पाकिस्तान की संसद में मांग की जा रही है कि भारत को ये नमक भेजना बंद किया जाना चाहिए. भारत उनके इस नमक को “मेड इंन इंडिया” का ठप्पा लगाकर प्रोसेस और पैकेजिंग कर रहा है।
इस नमक को हिमालयन साल्ट भी कहा जाता है. इसे गुलाबी नमक भी कहते हैं, इसका रंग गुलाबीपन लिए होता है. भारत में हम इसे सेंधा नमक के तौर पर जानते हैं. ये आमतौर पर पाकिस्तान से भारत आता है. लंबे समय से भारत में इसका इस्तेमाल हो रहा है. हालांकि इसका भारत आना अब पाकिस्तान में एक बड़ा मुद्दा बन रहा है.
माना जाता है कि इस नमक का जन्म लाखों साल पहले प्राकृतिक तौर पर हुआ. ये हिमालय के आसपास के इलाके में पाया गया, लिहाजा इसे हिमालयन नमक भी कहा जाता है. हालांकि दुनिया का 98 फीसदी ये नमक पाकिस्तान से बड़े-बड़े टुकड़ों में निर्यात होता है. सबसे ज्यादा इसकी खपत भारत में है.
पाकिस्तान में इसे खेवर नमक खदानों से निकाला जाता है, जो झेलम नदी की साल्ट रेंज कही जाने वाली पहाड़ियों की तलहटी में है.
पाकिस्तान को मेड इन ठप्पे से एतराज
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर पाकिस्तान में एक स्टोरी वायरल हुई कि किस तरह से भारत इस नमक को पैकेज और प्रोसेस करते दुनियाभर में निर्यात कर रहा है. इन पर “मेड इन इंडिया” का ठप्पा भी लगाया जा रहा है. पाकिस्तान को इस पर काफी ज्यादा एतराज है.
ये नमक अब पाकिस्तानियों के लिए एक बड़ा मामला बन रहा है, जिसे वो देश के सम्मान और संप्रुभता से जोड़कर देख रहे हैं. उन्हें लग रहा है कि इस गुलाबी नमक से जो काम वो कर सकते थे, वो लंबे समय से भारत कर रहा है. पाकिस्तान में तो पिछले दिनों ट्विटर पर इसे लेकर ट्रेंड भी चला. वहां सवाल उठ रहा है कि अगर ये नमक भारत में होता ही नहीं बल्कि पाकिस्तान से जाता है तो भारत के व्यापारी इसकी पैकेजिंग करके कैसे इस पर “मेड इन इंडिया” लिख सकते हैं.
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