नई दिल्ली। भारत के साथ कारोबारी रिश्ते खत्म करके पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद के अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। इस फैसले से पाकिस्तान में मजदूर को काम मिलना बंद हो गया है। वहीं, भारत से आने वाली रोजमर्रा की चीजों का पाकिस्तान में आयात बंद होने से कीमतें सातवें आसामान पर पहुंच गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्सर ईद से पहले बाजार में खूब रौनक रहती थी लेकिन बार पैसों की तंगी में आम लोगों के लिए ईद का मजा किरकिरा हो गया है. आपको बता दें कि धारा 370 के विरोध में कारोबारी रिश्ते खत्म करने के बाद पाकिस्तान में एक बार फिर खाने-पीने की महंगाई बढ़ गई है।
महंगाई ने तोड़ी पाकिस्तानियों की कमर-कारोबारियों के साथ-साथ पाकिस्तान की जनता भी मानती है कि इस बार ईद मनाना भी मुश्किल है. क्योंकि, भारत से बंद हुए प्रोडक्ट्स की वजह से महंगाई बढ़ गई है. साथ ही घर का पूरा बजट बिगड़ गया है.
पहले ही महंगाई का बोझ झेलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में अब महंगाई की दोहरी मार झेलना उनके बस से बाहर है. घरेलू महिला नजमा का कहना है कि बढ़ती महंगाई ने पहले ही किचन का बजट बढ़ा दिया है.
आमदनी में कोई इजाफा नहीं हुआ. दूध से लेकर सब्जी और मीट तक महंगे हैं और ऐसे में भारत के साथ कारोबार बंद होने से रसोई का खर्च और बढ़ने वाला है. समझ नहीं आ रहा कैसे घर चलाएंगे.
सामान के बदले सामान से होता था व्यापार- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच सालाना 3 अरब रुपये से अधिक का व्यापार होता है. दोनों ओर से सिर्फ 35-35 ट्रक आने और जाने की इजाजत थी.
ये ट्रक हफ्ते में चार दिन सुबह नौ बजे से शाम चार बजे के बीच सीमा पार जाते थे जबकि यहां 300 रजिस्टर्ड व्यापारी हैं जिनके लिए व्यापार के सख्त नियम हैं. यहां बार्टर ट्रेड होता है यानी पैसों से चीजे नहीं खरीदी जातीं बल्कि लेन-देन में ‘माल के बदले माल’ दिया जाता है.
ईद के बाद शादियों पर खतरा- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के एक बैंकर अश्फाक का कहना है कि ज्यादातर खाने-पीने के सामान के लिए हम भारत पर निर्भर है. खासकर प्याज, टमाटर और केमिकल के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भरता है.ऐसे में ईद के मौके पर आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ाहै. इस बार ईद बिल्कुल फीकी रहेगी.
ईद के ठीक बाद शादियों का सीजन भी आने वाला है. ऐसे में उस पर खतरा मंडरा रहा है. शादियों के सीजन के ठीक बाद मुहर्रम है. समझ नहीं आ रहा है पाकिस्तानी की सरकार खुद के पैर में क्यों कुल्हाड़ी मार रही है.
भारत पर नहीं है खास असर-पाकिस्तान के फैसला का भारत पर कोई खास असर नहीं होना है. क्योंकि, मार्च 2019 में ही पाकिस्तान से इंपोर्ट 92 फीसदी गिरकर 2.84 मिलियन डॉलर रह गया है. भारत ने पाकिस्तान से इंपोर्ट होने वाले सामान पर 200 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी थी.
इसके अलावा पुलवामा अटैक के बाद भारत पहले ही पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन चुका है. वहीं, 22 जुलाई को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशियाई देशों में होने वाला एक्सपोर्ट भी 14 फीसदी गिरकर 2.672 बिलियन डॉलर रह गया है.
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