भारत की सख्ती से पाकिस्तान पर आया संकट, खाद और दवाइयों की हुई कमी

भारत की सख्ती से पाकिस्तान पर आया संकट

यूनिक समय, नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार का मुख्य रास्ता अमृतसर के अटारी बॉर्डर से होकर गुजरता है, जहां से अधिकांश सामानों का आदान-प्रदान होता है। हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या कर दी गई, भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए। इस हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के संकेत मिलने पर भारत ने अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया, जिसके बाद दोनों देशों के बीच व्यापार रुक गया।

2024 में भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार में 127 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, और यह आंकड़ा 1.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। हालांकि, ये आंकड़े अभी भी अन्य देशों के मुकाबले कम हैं, लेकिन 2023 के मुकाबले यह काफी अधिक हैं, जब व्यापार केवल 0.53 बिलियन डॉलर था। पुलवामा आतंकी हमले से पहले, दोनों देशों के बीच व्यापार 3 बिलियन डॉलर तक था। भारत पाकिस्तान को दवाइयां, चीनी, चाय, कपास, लोहा, स्टील और खाद्य सामग्री भेजता था, जबकि पाकिस्तान से मसाले, खजूर, बादाम, अंजीर और हर्ब्स जैसे सामान आयात होते थे।

अटारी बॉर्डर बंद होने के बाद पाकिस्तान अब भारतीय सामान को अन्य देशों जैसे यूएई, सिंगापुर और श्रीलंका के जरिए आयात करेगा। इससे ढुलाई खर्च में वृद्धि होगी, जिसका असर इन सामानों की कीमतों पर पड़ेगा। परिणामस्वरूप, पाकिस्तान में वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं, जो विशेष रूप से गरीब जनता के लिए महंगाई का कारण बनेंगी। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान के फार्मास्युटिकल सेक्टर को भी इसका नुकसान हो सकता है। इसके विपरीत, भारत पाकिस्तान पर कम निर्भर है और अपनी आपूर्ति चेन को सुचारू रूप से बनाए रखने में सक्षम है।

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