
यूनिक समय, नई दिल्ली। पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल तब खड़ा हो गया जब ड्रोन हमलों की एक श्रृंखला ने देश के कई अहम शहरों को हिला कर रख दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक पाकिस्तान के 6 अलग-अलग शहरों—लाहौर, कराची, गुंजरावाला, चकवाल, घोटकी और उमरकोट में कुल 12 ड्रोन विस्फोट हो चुके हैं।
लाहौर और कराची, जहां से सबसे ज्यादा धमाकों की खबरें आई हैं, वहां हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। कराची, जो पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी मानी जाती है और जहां परमाणु हथियारों के भंडारण की भी बात कही जा रही है, वहां ड्रोन हमलों के बाद पूरे इलाके को सील कर सेना ने नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है।
लाहौर में एक सैन्य ठिकाने के पास तीन धमाके हुए हैं, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि क्या पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह नाकाम हो चुका है।
इन हमलों के बाद देशभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है और प्रभावित क्षेत्रों में आपातकाल जैसे हालात हैं। अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि ड्रोन कहां से आए थे और न ही किसी समूह ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है।
गौर करने वाली बात यह है कि इन हमलों से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में वायुसेना की सराहना की थी और कहा था कि पाकिस्तान की एयरफोर्स हर खतरे का मजबूती से सामना कर रही है। उनकी इस टिप्पणी के कुछ ही घंटों बाद वायुसेना प्रमुख की सेना प्रमुख असीम मुनीर से भी मुलाकात हुई थी।
इन हमलों ने पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की वास्तविक स्थिति को उजागर कर दिया है और देश के भीतर ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता का विषय बन गया है।
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