वर्ल्ड वर्ल्ड डेस्क
यूनिक समय,इस्लामाबाद। भारत ने कुलभूषण जाधव के दिए जाने वाले राजनयिक पहुंच (काउंसलर ऐक्सेस) के लिए पाकिस्तान के प्रस्ताव को मान लिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत की ओर से पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायुक्त गौरव अहलूवालिया कुलभूषण जाधव से मुलाकात करेंगे। साथ ही यह भी कहा गया है कि हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान सही माहौल उपलब्ध कराएगा ताकि बैठक स्वतंत्र, निष्पक्ष, सार्थक और अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के आदेशों की भावना के अनुरूप हो सके।
बता दें कि पाकिस्तान ने रविवार को कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के आदेश पर कुलभूषण जाधव को सोमवार को राजनयिक पहुंच देगा। सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी की राजनयिक से मुलाकात की शर्तों पर भारत और पाकिस्तान में मतभेद के कारण करीब छह हफ्ते बाद पाकिस्तान ने यह एलान किया है।
पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने रविवार को ट्वीट कर कहा, जाधव को वियेना समझौते, आईसीजे के आदेश और पाकिस्तान के कानून के तहत राजनयिक पहुंच दी जाएगी। फैसल ने हालांकि यह नहीं बताया कि बातचीत के दौरान पाकिस्तानी अधिकारी रहेगा या नहीं।
इससे पहले पाकिस्तान ने कहा था कि बातचीत के दौरान एक पाकिस्तानी अधिकारी मौजूद रहेगा। बृहस्पतिवार को फैसल ने कहा था कि राजनयिक पहुंच को लेकर दोनों देश एक दूसरे के संपर्क में थे। उसी दिन भारत ने भी कुलभूषण को बाधा रहित, तुरंत और प्रभावी राजनयिक पहुंच देने को कहा था।
गौरतलब है कि 49 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद भारत ने आईसीजे में इस मामले को उठाया था। भारत का कहना है कि जाधव को 2016 में ईरान में अगवा कर लिया गया था और गलत तरीके से फंसाया गया था।
राजनयिक पहुंच देने से इनकार करता रहा है पाक
पाकिस्तान जाधव को राजनयिक पहुंच देने से हमेशा इनकार करता रहा है। भारत हर बार विएना संधि का हवाला देकर अपने नागरिक से मुलाकात की अपील करता रहा लेकिन पाक उसे ठुकराता रहा। अंतरराष्ट्रीय दबाव में उसने जाधव की उनकी मां और पत्नी से मुलाकात कराई थी लेकिन इसका भी उसने तमाशा बना दिया था जिसकी अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर काफी आलोचना हुई थी।
क्या होता है राजनयिक पहुंच (कॉन्सुलेर एक्सेस)?
अगर किसी देश के नागरिक को दूसरे देश में गिरफ्तार किया जाता है, तो गिरफ्तार करने वाले देश को बिना देरी किए वीसीसीआर के अधिकारों के तहत उसके मूल देश को जानकारी देनी होगी। इसमें गिरफ्तार शख्स को उसके राजनयिक से मिलवाना भी शामिल है।
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