उदयपुर। राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, इससे पहले आज तक ऐसा नहीं हुआ। पहली बार चलती बस में पेपर आउट हुआ है। पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस पूरी की पूरी बस को ही हाईजैक कर थाने ले गई और थाने ले जाकर एक एक को नीचे उतारा। कोई डमी अभ्यर्थी निकला, कोई असली अभ्यर्थी निकला और कई गुरुजी ऐसे निकले जो सरकारी नौकरियों में हैं और पेपर को रटा रहे थे। पुलिस ने सभी को उदयपुर के बेकरिया थाने में गिरफ्तार कर लिया है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार अब इस केस को एटीएस और एसओजी के अफसर भी डील करने की तैयारी कर रहे हैं। हांलाकि उदयपुर एसपी ने इस पूरे मामले में दोपहर बाद बड़ा खुलासा करने की तैयारी कर ली है। क्योंकि बस में मिले इन युवकों के पास मिले कंटेंट पेपर के कंटेंट से मैच हो गया।
बताया जा रहा है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे जो मास्टरमाइंट है वह जोधपुर जिले का है। जोधपुर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का जिला है। बताया जा रहा है कि जो भी परीक्षा देने वाला था आज की उनमें से चुनिंदा अभ्यर्थियों को ही पेपर दिया गया था। इस पेपर को आज ही परीक्षा से पहले रटाया जा रहा था ताकि परीक्षा हॉल मे टेंकन नहीं हो। गैंग ने उन अभ्यर्थियों के लिए डमी अभ्यर्थी भी बस में बिठा रखे थे जो अभ्यर्थी पेपर नहीं दे पा रहे थे और डमी चाहते थे।
बताया जा रहा है कि इस बस में करीब पचास लोग थे। इनमें से सात से आठ तो शिक्षक थे जो पेपर रटा रहे थे। करीब 35 असली अभ्यर्थी थे जो जीके का पेपर देने जा रहे थे और करीब पांच से सात डमी थे जो जरुरत पडने पर भेजे जाने थे। हर अभ्यर्थी के लिए करीब आठ से दस लाख रुपए में पेपर का सौदा होना बताया जा रहा है।
दरअसल 21 से 27 दिंसबर तक चलने वाली सेकंड ग्रेड अध्यापकों की भर्ती परीक्षा को राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से वरिष्ठ अध्यापक माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जा रही है। जिसके दिन तक तो सही तरीके से पेपर हो गए। लेकिन चौथे दिन पेपर लीक का मामला सामने आ गया। बता दें कि परीक्षा में बैठने वाले करीब 12 लाख अभ्यर्थियों को तीन ग्रुप में बांटा गया है। जिसमें ए , बी और सी ग्रुप बनाए गए हैं। आगे की परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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