बिहार। आरा में एक सेक्स रैकेट के खुलासे में नेता के संबंध सामने आने के बाद सूबे की सियासत में खामोशी है। हालांकि उस नेता का नाम सोशल मीडिया पर तो वायरल हो रहा है, लेकिन पुलिस ने नाम की पुष्टि नहीं की है. बहरहाल एक बार फिर राजनीति और सेक्स के इस कनेक्शन के सामने आने से प्रदेश में हुए कुछ बड़े स्कैंडल्स की गाथा के पन्ने खोल दिए हैं।
दरअसल सेक्स और राजनीति के कनेक्शन में इतने चेहरे बेनकाब हो चुके हैं कि आपकी उंगलियां थक जाएंगी, लेकिन नाम नहीं खत्म होंगे. सेक्स कांड से जुड़े हम कुछ चुनिंदा मामले को आपके सामने ला रहे हैं जिसमें नेताओं की संलिप्तता सामने आई.
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस
वर्ष 2018 में TISS की रिपोर्ट आई तो बिहार में चलने वाले शेल्टर होम की सच्चाई सबके सामने आ गई. इसकी आड़ में नाबालिग बच्चियों का यौन शोषण का मामला सामने आया. जब आगे जांच होने लगी तो इसमें नेताओं के कनेक्शन भी सामने आए. तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को अपने पति की संलिप्तता के कारण मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देना पड़ा. उनके पति चंद्रेश्वर प्रसाद वर्मा के एक राजनीतिक दल के अन्य बड़े नेता से कनेक्शन सामने आए जिन पर इस मामले में शामिल होने के आरोप लगे. अभी इसकी जांच जारी है.
सेक्स रैकेट का कांग्रेस कनेक्शन
‘मेरे पॉकेट में खुफिया कैमरे से शूट किये गये 55 ऐसे लोगों के वीडियो क्लिपिंग्स हैं जिनको यदि मैं सार्वजनिक कर दूं तो कई धाकड़ नेताओं और सीनियर अधिकारियों की वाट लग जाएगी’, ये बात पूर्व कांग्रेस नेता की नाबालिग बेटी को शादी का झांसा देकर रेप के आरोपी निखिल प्रियदर्शी ने एक पत्रकार से कही थी. वर्ष 2017 में सामने आए इस हाई प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल के मामले में 2 और राजनेताओं का नाम सामने आए थे. हालांकि उसे सार्वजनिक नहीं किया गया. आरोप था कि कांग्रेसी नेता के अलावा भी कई रसूखदार लोगों ने इस लड़की का शारीरिक शोषण किया.
राजबल्लभ यादव नाबालिग यौन शोषण
आरजेडी के बड़े नेता और लालू यादव के करीबी रहे पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव ने नालंदा की रहने वाली एक नाबालिग लड़की का यौन शोषण किया था. इस बात के लिए यादव को सजा भी सुनाई जा चुकी है और वह फिलहाल जेल में हैं. नाबालिग ने बताया था कि उसे राजबल्लभ यादव के सामने एक महिला ले गई थी. मामले में उस महिला को भी सजा मिली है और वह भी जेल में सजा भुगत रही है.
शिल्पी-गौतम हत्याकांड
1999 में लालू यादव सत्ता में थे और बिहार में सिर्फ और सिर्फ उनकी ही धमक थी. लालू की शह पाकर उनके दोनों साले भी पावर में थे. उसी दौर में हुआ था शिल्पी जैन और गौतम सिंह हत्याकांड. पटना के ‘व्हाइट हाउस’ से जुड़े इस मामले को वहीं दबा दिया गया, आरोप लालू यादव के साले साधु यादव पर लगा. यह भी कि शिल्पी का पहले बलात्कार किया गया था फिर दोनों की हत्या कर दी गई. हालांकि ताकत साथ में थी तो मामला भी दब गया. 2003 में सीबीआई ने भी फाइल ही बंद कर दी वह भी आत्महत्या कहकर. वरना सभी जानते हैं कि किसने ये कांड किया था.
चंपा विश्वास कांड
वर्ष 1998 में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का बिहार में राज चलता था. उसी दौर में 1982 बैच के एक सीनियर IAS हुआ करते थे बी.बी विश्वास. दलित समाज से आने वाले इस अफसर की पत्नी थीं चंपा विश्वास. आरोप लगा कि आरजेडी की विधायक हेमलता यादव के बेटे बबलू उर्फ मृत्युंजय यादव ने सीनियर IAS की बीवी का लंबे समय तक बलात्कार किया.
आरोप यह भी लगा कि मृत्युंजय यादव और उसके कई दोस्तों ने दो सालों में कई बार उनका सामूहिक बलात्कार किया. आरोप है कि विश्वास की पत्नी थाने गईं, लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ. लालू से गुहार लगाई तो कहा भूल जाओ.
इस घटना के बाद उनके पति का वेतन रोक दिया गया और पति-पत्नी सड़क पर आ गए. इलाज का पैसा नहीं था, विश्वास बेमौत मर गए. चम्पा अपने दो बच्चों के साथ कोलकाता चली गईं फिर वह कभी नजर नहीं आईं.
बॉबी सेक्स स्कैंडल और हत्याकांड
साल 1983 का चर्चित बिहार के ‘बॉबी सेक्स स्कैंडल’ ने कांग्रेस की राजनीति की चूलें हिला दी थीं. इसमें कई बड़े राजनेताओं के नाम सामने आए थे. डॉ. जगन्नाथ मिश्रा मुख्यमंत्री थे और छींटे उनके दामन तक पहुंच गए थे. सचिवालय में काम करने वाली श्वेता निशा त्रिवेदी उर्फ बॉबी के साथ रिश्तों और हत्या में डॉ. जगन्नाथ मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों की छीछालेदर हुई थी.
पावर के जरिए मामला दबा दिया गया था पर जब हल्ला हुआ तो फिर से फाइल खोली गई. लेकिन अंतिम पड़ताल सीबीआई की रही और बॉबी की हत्या का मामला खत्म हो गया. जिसको लेकर आज भी सीबीआई पर उंगली उठाई जाती है.
सुषमा चौधरी सेक्स स्कैंडल
1978 में जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम सैक्स स्कैंडल में फंसे. जनता पार्टी की सरकार थी. यूपी के बागपत जिले के एक गांव किरठल की सुषमा चौधरी के साथ उनकी अश्लील तस्वीरें सुर्खियों में रहीं. माना जाता है कि इसी वजह से जगजीवन राम प्रधानमंत्री नहीं बन सके थे.
बहरहाल बिहार में इस तरह के छोटे-बड़े कई मामले सामने आते रहते हैं जिससे अक्सर नेताओं के कनेक्शन जुड़ते रहते हैं.
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