नई सड़क पर हुए उपद्रव के मामले में खजांची बिल्डर हाजी वसी के कारनामों से जुड़ी रोज नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। उसकी ज्यादातर इमारते विवादित जमीनों पर बनी हुई हैं। इन तमाम मामलों के सामने आने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि ‘जहां विवाद है वहां हाजी वसी।’ इन सभी चीजों के सामने आने के बाद सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि आखिर कानपुर विकास प्राधिकरण के अफसर इन मामलों पर अपनी आंखे क्यों मूदें रहे। नियमों की अनदेखी होने पर भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
आपको बता दें कि हाजी वसी ने बेकनगंज,अनवरगंज, चमनगंज, चकेरी समेत कई जगहों पर तकरीबन पौने दो सौ बहुमंजिला इमारते और दर्जनों व्यवसायिक कांप्लेक्स बना रखे थे। रिपोर्टस में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर का निर्माण नियमों को ताक पर रखकर किया गया। ऐसे में अंदेशा यह भी जताया जा रहा है कि तत्कालीन अधिकारियों और स्थानीय कर्मचारियों की मिलीभगत से ही यह सब संभव हो सका। मामले में वसी के कुछ जानकार तो यह तक कह रहे हैं कि उनकी केडीए में बहुत जबरदस्त पकड़ है। भले ही अधिकारी खबरे सामने आने के बाद कागजों को थोड़ा हिला डुला रहे हैं लेकिन कार्रवाई की गुंजाइश कम ही है।
सामने आए एक और मामले में जाजमऊ में वसी ने बेटे रहमान के नाम पर 407 वर्ग मीटर की जमीन खरीदी थी। इस पर सात मंजिला अपार्टमेंट बिना किसी नक्शे के ही खड़ा किया गया। यही नहीं हलीम कॉलेज की जमीन पर भी बिल्डर हाजी वसी ने कई इमारतें बनाई। कई जगहों पर उसके कामों के खिलाफ जमकर विरोध भी हुआ। न्यू जुबली गेट पर वर्ष 2017 और 2018 में वसी ने एक बिल्डिंग निर्माण का प्रयास किया। हालांकी हाजी मोहम्मद वसीक ने तत्कालीन डीएम कौशल राज शर्मा से मिलकर उस काम को रुकवाया। इस बीच कई जगहों पर शिकायतें आई बावजूद इसके कुछ जगह काम रुका तो बाकि जगहों पर मिलीभगत से काम चलता रहा।
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