
यूनिक समय, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में शनिवार को आए भूकंप के तेज झटकों से अफरातफरी मच गई। दोपहर 12:17 बजे लोगों ने झटके महसूस किए और दहशत के चलते कई लोग घरों और इमारतों से बाहर निकलकर खुली जगहों की ओर भागे। इसका केंद्र अफगानिस्तान और तजाकिस्तान की सीमा पर था और यह धरती के भीतर करीब 86 किलोमीटर की गहराई में आया था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.9 मापी गई है।
इस भूकंप का असर भारत, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में महसूस किया गया। हालांकि अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लोगों के बीच भय और चिंता का माहौल बना हुआ है।
गौरतलब है कि इससे पहले 12 अप्रैल को भी जम्मू-कश्मीर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उस समय दोपहर करीब एक बजे आए भूकंप की तीव्रता 5.8 थी और इसका केंद्र पाकिस्तान में, जमीन के 10 किलोमीटर नीचे था।
2005 में इसी क्षेत्र में आए विनाशकारी भूकंप की याद आज भी लोगों के दिलों में ताजा है। इसकी तीव्रता 7.6 थी, जिससे जम्मू-कश्मीर में 1,350 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और हजारों घायल हुए थे। इसका केंद्र पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद के पास था, जहां व्यापक तबाही हुई थी।
भूवैज्ञानिकों का मानना है कि हिमालयी क्षेत्र में भविष्य में 8.0 या उससे अधिक तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने की संभावना बनी हुई है, इसलिए इस क्षेत्र में भूकंप से निपटने की तैयारी समय रहते जरूरी है।
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